नई दिल्ली । पाकिस्तान (Pakistan) के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) ने आगाह किया है कि अगर नकदी (cash) की कमी से जूझ रहे मुल्क में जल्द चुनाव (Election) नहीं कराए गए, तो यहां आर्थिक व राजनीतिक संकट (economic and political crisis) और गहरा हो जाएगा। इस बीच, इमरान खान के समर्थकों ने प्रमुख शहरों में बढ़ती महंगाई के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया।
पूर्व प्रधानमंत्री ने शाहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली सरकार के अप्रैल में सत्ता में आने के बाद तीसरी बार पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में बढ़ोतरी के मद्देनजर पिछले हफ्ते विरोध-प्रदर्शन का आह्वान किया था। रविवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए इमरान ने कहा था कि अगर वक्त से पहले चुनाव नहीं कराए गए, तो पाकिस्तान के आर्थिक व राजनीतिक हालात और खराब हो जाएंगे।
‘पारदर्शी चुनाव नहीं हुए तो अराजकता और फैलेगी’
पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर स्वतंत्र और पारदर्शी चुनाव नहीं हुए तो अराजकता और फैलेगी। इमरान ने पेट्रोलियम उत्पादों पर सब्सिडी वापस लेने के लिए सरकार की आलोचना की और कहा कि उनके नेतृत्व वाली पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) नीत पिछली सरकार ने कीमतें बढ़ाने की अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की मांग का विरोध किया था।
इमरान खान ने कहा, “यह सरकार दो महीने के लिए आईएमएफ के कार्यक्रम का हिस्सा है, जबकि हम ढाई साल तक इसमें रहे, पर मेरी सरकार ने ईंधन की कीमतें बढ़ाने की आईएमएफ की शर्त के खिलाफ पेट्रोल के दाम में कटौती की थी।” उन्होंने मौजूदा सरकार पर अर्थव्यवस्था को संभालने में असमर्थ होने का आरोप भी लगाया और चेताया कि अगर मुल्क चुपचाप बैठा रहा, तो आने वाले दिनों में कीमतें और अधिक बढ़ जाएंगी।
पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार में भी भारी कमी आई है
गौरतलब है कि नकदी की कमी से जूझ रहे पाकिस्तान में उच्च मुद्रास्फीति, घटते विदेशी मुद्रा भंडार, बढ़ते राजकोषीय घाटे और कमजोर होती घरेलू मुद्रा के चलते आर्थिक चुनौतियां लगातार बढ़ रही हैं। पाकिस्तानी रुपया सोमवार को अंतर-बैंक बाजार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 211 रुपये के रिकॉर्ड निचले स्तर तक गिर गया। वहीं, पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार में भी भारी कमी आई है और उसके पास महज छह हफ्ते का आयात कवर बच गया है।
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