इंदौर। प्रशासन की सख्ती के चलते सांवेर रोड औद्योगिक क्षेत्र में लगभग 300 उद्योगों को अपने यहां सीईटीपी प्लाट बनाने के लिए हजारों रुपये खर्च करने के बाद अब नगर निगम के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट तक पानी पहुंचाने के लिए 10 पैसे प्रति लीटर पानी के हिसाब से हर महीने 25 हजार से लेकर 1 लाख रुपये का बिल चुकाना पड़ेगा। उद्योग संचालकों की मांग है कि हम जो पानी भेज रहे हैं, उसे साफ करने के बाद नगर निगम उन्हें लौटा दे, जिससे वह उस पानी का अपने यहां दोबारा इस्तेमाल करने सके।
कन्ह नदी सहित शहरी नालों में उद्योगों का प्रदूषित पानी छोड़े जाने को लेकर मचे बवाल के बाद प्रशासन की लगातार निगरानी व सख्ती की वजह से अब सांवेर रोड औद्योगिक क्षेत्र में लगभग 300 उद्योग संचालकों ने अपने औद्योगिक परिसर में वाटर फ्लो मीटर लगवाए हैं। इसके बाद प्रदूषित पानी को सीवरेज ट्रीटमेंट एसटीपी प्लांट तक पहुंचाया जा रहा है। उद्योग संचालक जितना प्रदूषित पानी पाइप लाइन या टैंकर के जरिये सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट तक पहुंचा रहे हैं, नगर निगम उनसे 10 पैसे प्रतिलीटर पानी के वसूल रहा है। कौन सा उद्योग कितना प्रदूषित पानी भेज रहा है, इसके लिए 300 उद्योगो में वाटर फ्लो मीटर लगवाए गए हैं।
यह मीटर भी पानी की क्षमता के हिसाब से लगाये जाते हैं। जिन सेक्टर में सीवरेज पाइप लाइन नही है, वहां के उद्योगों को टैंकर के जरिये पानी भेजना पड़ रहा है। गौरतलब है कि सांवेर रोड इंडस्ट्रियल एरिया के सेक्टर एफ में नगर निगम का 40 लाख लीटर की क्षमता वाला सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बना हुआ है, लेकिन सेक्टर ए और डी में अभी तक पाइप लाइन ही नहीं थी। मगर उद्योगपतियों का कहना है शहरहित में हम पानी की कीमत चुकाने को तैयार हैं पर निगम हमारे उद्योगो के प्रदूषित पानी को कबीटखेड़ी प्लांट तक ले जाकर उसे साफ करके हमें वापस कर दे।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved