नई दिल्ली: बैंक के एजेंट अब कर्ज वसूली के लिए ग्राहकों को परेशान नहीं कर सकेंगे. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को इस पर चिंता जताते हुए सख्त रुख अपनाया. उन्होंने कहा कि बैंकों के एजेंटों का ग्राहक को परेशान करना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
गवर्नर दास ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, कर्ज वसूली के लिए एजेंटों द्वारा ग्राहक को वक्त-बेवक्त फोन करना, खराब भाषा में बात करना सहित अन्य कठोर तरीकों का इस्तेमाल कतई स्वीकार्य नहीं है. बैंकों के पास कर्ज वसूली का अधिकार है लेकिन इससे किसी को परेशानी नहीं होनी चाहिए. खासकर एजेंट की ओर से आने वाले फोन कॉल्स को लेकर बैंकों को पर्याप्त गाइडलाइन का पालन करना चाहिए और उन्हें दिशा-निर्देश भी दिए जाने चाहिए.
डिजिटल कर्ज बांटने की प्रक्रिया और सुरक्षित बनाएंगे
गवर्नर दास ने कहा कि डिजिटल तरीके से कर्ज प्रदान करने की प्रणाली को सुरक्षित और मजबूत बनाने के लिए रिजर्व बैंक जल्द दिशा-निर्देश जारी करेगा. उन्होंने इस बात पर भी चिंता जताई कि किस तरह डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लोगों के साथ कर्ज बांटने के नाम पर ठगी की जा रही है. हालांकि, इस बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए आरबीआई समय-समय पर गाइडलाइन भी जारी करता है.
महंगाई को बर्दाश्त करना समय की जरूरत
गवर्नर ने बढ़ती महंगाई पर भी अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि भारत ही नहीं अमेरिका-यूरोप सहित दुनियाभर के देशों में महंगाई का दबाव है. इसे अचानक थामना किसी के बस की बात नहीं, लिहाज उच्च मुद्रास्फीति को बर्दाश्त करना समय की जरूरत है. हम इसे लेकर अब तक उठाए गए कदमों और अपने फैसलों पर कायम हैं. उन्होंने कहा कि महामारी से निपटने और देश की अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए नीतिगत कदम उठाने में आरबीआई कतई पीछे नहीं रहा है. हम वक्त की जरूरत के साथ चल रहे हैं.
अब 15 हजार तक के भुगतान पर अतिरिक्त सत्यापन की जरूरत नहीं
आरबीआई ने बृहस्पतिवार को इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से कार्ड, प्रीपेड भुगतान उत्पाद और यूपीआई के जरिये किसी सेवा अथवा उत्पाद के लिए ऑटो डेबिट की सत्यापन सीमा 5 हजार रुपये से बढ़ाकर 15 हजार रुपये कर दी है. इसका मतलब है कि अब 15 हजार रुपये तक के ऑटो डेबिट के लिए अतिरक्ति सत्यापन की जरूरत नहीं होगी. इस सुविधा से ग्राहकों को काफी सहूलियत होगी और अब वे तीन गुना राशि तक ऑटो भुगतान कर सकेंगे.
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