डेस्क: शास्त्रों में देवी-देवताओं की पूजा के महत्व के बारे में बताया गया है. घर में पूजा के कुछ नियमों के बारे में भी बताया गया है. अगर पूजा करते समय इन बातों का ध्यान न रखा जाए, तो पूजा का पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता. साथ ही, देवता भी नाराज हो जाते हैं.
माना जाता है कि नियमित रूप से श्रद्धापूर्वक और नियमों का ध्यान रखते हुए पूजा पाठ करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मकता का विकास होता है. वहीं, इन नियमों का ध्यान न रखने पर घर में दरिद्रता का वास होने लगता है और नकारात्मकता घर में पैर पसार लेती है. पूजा पाठ में कुछ चीजों को गलती से भी जमीन पर न रखने की बात कही गई है.
शंख- हिंदू धर्म में शंख को पवित्र स्थान प्राप्त है. पूजा पाठ और धार्मिक अनुष्ठानों में शंख बजाना शुभ माना गया है. शंख की उत्पत्ति समुद्र मंथन के दौरान हुई थी. ऐसा माना जाता है कि घर के मंदिर में लक्ष्मी जी के पास शंख रखने से मां प्रसन्न होती हैं और व्यक्ति के घर में सुख-समृद्धि का वास होता है. ऐसे में भूलकर भी शंख को जमीन पर न रखें. ऐसा करने से मां लक्ष्मी का अपमान होता है और वे नाराज होकर घर से चली जाती हैं.
पूजा का दीपक- शास्त्रों के अनुसार, अगर व्यक्ति नियमित रूप से विधि-विधान के साथ पूजा-पाठ नहीं कर पाता, तो वो सिर्फ नियमपूर्वक दीपक भी जला कर रख दे, तो उसके भी शुभ परिणाम मिलते हैं. ऐसे में अगर आप सिर्फ दीपक ही जला रहे हैं, तो ध्यान रखें कि पूजा का दीपक मंदिर के अंदर किसी स्टैंड पर या फिर पूजा की थाली में ही रखना चाहिए. पूजा का दीपक भूलकर भी जमीन पर न रखें. इससे देवता का अपमान होता है. इसके अलावा पूजा के फूल, माला या पूजा का सामान आदि भी जमीन पर नहीं रखनी चाहिए.
रत्नों के जेवर- रत्न का संबंध किसी न किसी ग्रह से होता है. ऐसे में रत्नों को बेहद शुभ माना जाता है. इसलिए रत्नों से बने गहनों को जमीन पर रखना अशुभ होता है. ऐसा करने से व्यक्ति के जीवन में अशुभ परिणाम देखने को मिलते हैं. इससे परिवार में धन-संपत्ति और तरक्की को लेकर कई तरह की बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है.
भगवान की प्रतिमा- शास्त्रों के अनुसार, भगवान की मूर्ति या प्रतिमा को जमीन पर न रखें. ऐसा करने से घर की सुख-शांति जा सकती है. इसलिए मंदिर की साफ-सफाई के दौरान भी मंदिर की मूर्तियां किसी पट्टे, थाल या चौकी पर ये मूर्तियां रखी जा सकती हैं.
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