मुंबई। मायानगरी मुंबई की चकाचौंध भरी दुनिया में रोजाना कई लोग कुछ कर गुजरने का और बड़ा सितारा बनकर चमकने का सपना लेकर आते हैं। बहुतों के सिर पर स्टार्स का ताज सजता है, लेकिन कईयों को मायूस होकर बैरंग लौटना भी पड़ जाता है। आज से करीब 40 साल पहले आंखों में एक बड़ा स्टार बनने का सपना लेकर मिथुन भी मायानगरी में आए थे।
कड़ी मेहनत के बाद आज वह जिस मुकाम पर हैं, वहां तक पहुंचना हर किसी के बस की बात नहीं है। बॉलीवुड में शोहरत हासिल कर चुके मिथुन आज अपना 72वां जन्मदिन मना रहे हैं। इस मुकाम तक पहुंचने के लिए अभिनेता को कौन-कौन सी कठिन परीक्षाओं का समना करना पड़ा था आज इस रिपोर्ट में हम आपको बताने जा रहे हैं।
दुनिया में दो तरह के लोग होते हैं, एक वो जिन्हें स्टारडम विरासत में मिलता है, दूसरे वो जिनको जिंदगी में एक मुकाम हासिल करने के लिए खूब तलवे घिसने पड़ते हैं तब जाकर उन्हें शोहरत मिलती है। मिथुन भी इन्हीं में से एक हैं। जिंदगी में संघर्ष कई तरह का होता है, लेकिन जब आपके पास खाने के लिए रोटी और सिर छुपाने के लिए छत न हो तो हालात कैसे होते हैं इसे मिथुन से बेहतर कोई नहीं जान सकता है।
मिथुन चक्रवर्ती जब फिल्मों में बड़ा हीरो बनने का ख्वाब पाले मायानगरी में पहुंचे तो उनकी आर्थिक स्थिति बहुत खराब थी। कई बार ऐसा हुआ कि जब सोने के लिए जगह नहीं मिली तो वह कभी गार्डन में तो कभी हॉस्टल के बाहर सोते थे। एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने बताया था कि उनके दोस्त ने अभिनेता को जिमखाना क्लब की मेंबरशिप ही इसलिए दिलाई थी कि वह सुबह उठकर वहां बाथरुम का इस्तेमाल कर सकें।
सुबह उठकर फ्रेश होने के बाद वह काम की तलाश में भटकते रहते थे। दिन में खाना मिलेगा या नहीं ये नहीं पता होता था। हालात ये हो गए थे कि अभिनेता के मन में सुसाइड तक करने का ख्याल आने लगा था। लेकिन फिर भी उन्होंने कभी भी सपना देखना नहीं छोड़ा और हमेशा हकीकत का सामना किया।
1975 से 76 के दौर में अपनी स्किन टोन की वजह से उन्हें कई बार रिजेक्शन का समना करना पड़ा। तब मिथुन दा ने सोचा कि वह डांस अच्छा कर सकते हैं। तब उन्होंने अच्छी फाइटिंग और मार्शल आर्ट पर ध्यान देना शुरू किया। वह हमेशा सोचते थे कुछ ऐसा करूं जिससे लोगों का ध्यान मेरे रंग पर ना जाकर मेरे पैरों पर जाए और फिर उन्होंने अपने डांस स्किल्स पर ज्यादा ध्यान दिया। तब उन्होंने बड़ी-बड़ी पार्टियों में डांस करके अपना पेट भरना शुरू किया।
मिथुन की जिंदगी में साल 1976 में टर्निंग पॉइंट तब आया जब मृणाल सेन ने उन्हें फिल्म ‘मृगया’ में ब्रेक दिया। इसमें मिथुन का रोल एक ट्राइबल हीरो का था, जिसमें वह बिल्कुल फिट बैठते थे। इस फिल्म के लिए मिथुन ने बेस्ट एक्टर का नेशनल फिल्म अवॉर्ड जीता। इसके बाद तो उन्होंने छोटी-बड़ी हर तरह की फिल्मों की झड़ी लगा दी। 350 से ज्यादा फिल्मों में काम करने वाले मिथुन के करियर की कुछ बेहतरीन फिल्में डिस्को डांसर, अग्निपथ, जल्लाद, कमांडो, गुरु, पसंद अपनी अपनी, घर एक मंदिर, स्वर्ग से सुंदर हैं।
एक समय पर दर-दर की ठोकरें खाने वाले इस अभिनेता की जब किस्मत पलटी तो ये बॉलीवुड के सबसे बिजी एक्टर में से गिने जाते थे। 1989 में लीड एक्टर के तौर पर उनकी 19 फिल्में रिलीज हुई थीं। इसके लिए लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में अभिनेता का नाम दर्ज है। इस रिकॉर्ड को अभी तक कोई तोड़ नहीं पाया है।
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