जांजगीर चांपा। छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के जांजगीर चांपा (Janjgir Champa) में बोरवेल में फंसे (trapped in borewell) रहे राहुल साहू (Rahul Sahu) को 100 घंटे से अधिक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद आखिरकार बाहर निकालने में सफलता मिल गई है। पांच दिनों की कड़ी मशक्कत के बाद 11 साल के राहुल को बाहर निकाल लिया गया। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ (NDRF and SDRF) की टीम उसे बाहर निकालने के लिए दिन-रात एक किए हुए थी।
राहुल के सकुशल बाहर निकलने पर छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) ने ट्वीट किया, “सभी की प्रार्थनाओं और बचाव दल के अथक, समर्पित प्रयासों से, राहुल साहू को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है। हमारी कामना है कि वह जल्द से जल्द ठीक हो जाएं।”
छत्तीसगढ़ के जांजगीर चांपा में बोरवेल में फंसे राहुल का रेस्क्यू ऑपरेशन करीब चार दिन से जारी था। पिछले 24 घंटे में राहुल ने कुछ नहीं खाया था जिससे वह कमजोर हो गया। राहुल ने निकाले जाने से कुछ घंटे पहले खाने के लिए इशारा किया था।
10 जून को बोरवेल में गिरा था राहुल
राहुल 10 जून को बोरवेल के खुले होल में जा गिरा था। जहां गिरा वह करीब 60 फुट गहरा था। बोरवेल में बच्चों के गिरने की अब तक जितनी घटनाएं हुई हैं उनमें इस घटना को सबसे अधिक समय तक चलने वाला ऑपरेशन माना गया है। गड्ढे के आसपास चट्टानें थीं जिन्हें काटने में काफ़ी लंबा वक्त लगा।
चट्टानों को काटते वक्त अति सावधानी बरती गई थी, ताकि राहुल को किसी तरह का खतरा न हो। राहुल न बोल सकता है न सुन सकता है। उसने 100 घंटे से ज्यादा समय तक जिस तरह जीवन और मौत के बीच संघर्ष किया उसे बड़ा चमत्कार माना जा रहा है। जांजगीर कलेक्टर जितेन्द्र शुक्ला व एसपी विजय अग्रवाल पूरे समय तक घटना स्थल के पास डटे रहकर पल-पल की जानकारी लेते रहे थे।
राहुल के सूरक्षित बाहर निकल आने के बाद शासन और प्रशासन ने चैन की सांस ली है। घटना वाले दिन से लेकर अब तक मुख्यमंत्री भूपेश बघेल राहुल पर बराबर अपडेट लेते रहे थे। राहुल को बाहर निकालने पिछले दो दिनों से सेना के जवान भी लगे हुए थे। मालखरौदा से जांजगीर, मस्तूरी के रास्ते राहुल को बिलासपुर लाया जाएगा जहां उसे अपोलो अस्पताल में दाखिल कराया जाएगा।
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