नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके ‘अग्निपथ सैन्य भर्ती योजना’ की घोषणा की. इस मौके पर पैनल में रक्षा मंत्री के साथ डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर्स के अतिरिक्त सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी, थल सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी और नौसेना प्रमुख एडमिरल आर. हरि कुमार भी उपस्थित रहे. भारत के अगले सीडीएस को लेकर पत्रकारों ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से सवाल पूछा तो उन्होंने कहा, ‘चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की नियुक्ति जल्द होगी.’
पिछली साल दिसंबर में एक हेलिकॉप्टर हादसे में देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत की असामयिक मृत्यु के बाद से सीडीएस का पद खाली है. नए सीडीएस की नियुक्ति से पहले नियमों में कुछ अहम बदलाव किए गए हैं. रक्षा मंत्रालय ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) की नियुक्ति से संबंधित तीनों रक्षा बलों के नियमों में संशोधन के लिए गजट अधिसूचना जारी कर दी है. अब CDS की नियुक्ति के लिए सरकार उन अधिकारियों पर विचार कर सकती है, जो लेफ्टिनेंट जनरल के समकक्ष या सामान्य समकक्ष के रूप में सेवा कर रहे हैं.
या ऐसे अधिकारी जो लेफ्टिनेंट जनरल या जनरल के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं, लेकिन नियुक्ति की तारीख को 62 वर्ष की आयु प्राप्त नहीं की है, उन्हें भी चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के पद पर सरकार नियुक्त कर सकती है. नियुक्ति के वक्त 62 साल की उम्र सीमा लागू होने की वजह से, अब इंडियन आर्मी, नेवी और एयरफोर्स से हाल में रिटायर होने वाले प्रमुख, सीडीएस की दौड़ से बाहर हो चुके हैं. जो अधिकारी सेवारत हैं और उम्र की सीमा पार नहीं की है, वो सीडीएस बन सकते हैं. तीन स्टार वाले जनरल यानी लेफ्टिनेंट जनरल, इंडियन एयरफोर्स के एयर मार्शल या फिर नौसेना के वाइस एडमिरल 60 की उम्र में सेवानिवृत होते हैं. यानी अगर ये रिटायर हो भी गए और उम्र 62 से कम है तो भी सीडीएस बन सकते हैं और अधिकतम 65 वर्ष की आयु होने तक इस पद पर बने रह सकते हैं.
आपको बता दें कि 2019 में दोबारा केंद्र की सत्ता में आने के 6 महीने के अंदर ही मोदी सरकार ने भारत के पहले सीडीएस की नियुक्ति की थी. जनरल बिपिन रावत 1 जनवरी 2020 को भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ (सीडीएस) बने थे. इसे देश के उच्च सैन्य ढांचे में सबसे बड़े सुधारों में से एक माना गया था. सीडीएस की नियुक्ति सैन्य मामलों के विभाग के सचिव के तौर पर की गई थी. सीडीएस एकीकृत रक्षा स्टाफ का प्रमुख भी होता है. सीडीएस सेना के तीनों अंगों के मामले में रक्षा मंत्री का मुख्य सलाहकार होता है. उसके पास स्पेस और साइबर कमांड का भी जिम्मा होता है.
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