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सुनी सुनाई : मंगलवार 14 जून 2022

June 14, 2022

आईएएस से दुखी आधा दर्जन मंत्री
मप्र में मंत्रियों और आईएएस अधिकारियों के बीच समन्वय को लेकर भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा की नसीहत का कोई असर दिखाई नहीं दे रहा है। आधा दर्जन से अधिक मंत्री अपने विभाग के एसीएस या पीएस से खुश नहीं हैं। वे लंबे समय से अपने विभाग प्रमुख को बदलने की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। एक मंत्री के पास दो मलाईदार विभाग हैं, लेकिन दोनों विभाग के प्रमुख सचिव का व्यवहार बेहद सख्त हैं। मंत्री मनचाहे काम नहीं करवा पा रहे हैं। चर्चा है कि इनकी महिला पीएस इनके पीए को कैबिन में नहीं घुसने देती। एक भगवाधारी मंत्री को उनके प्रमुख सचिव घास नहीं डाल रहे। मुख्यमंत्री के बेहद खास माने जाने वाले एक मंत्री के प्रमुख सचिव और आयुक्त दोनों ही मंत्री की नोटशीट को खास तवज्जो नहीं दे रहे। एक महिला मंत्री भी प्रमुख सचिव से खासी नाराज बताई जा रही हैं। चर्चा है कि इन सभी एसीएस व पीएस को ऊपर से संरक्षण मिला हुआ है।

सरदार की असरदार वापसी!
मप्र कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के मीडिया समन्वयक नरेन्द्र सलूजा की प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में जल्दी की वापसी होगी। पिछले दो दिन से सलूजा भोपाल में हैं। उनकी कमलनाथ से मिटिंग हो गई है और सभी गलतफहमियां भी दूर हो गई हैं। पिछले दिनों मप्र कांग्रेस मीडिया विभाग के पुनर्गठन के बाद सलूजा ने मीडिया विभाग से इस्तीफा सौंप दिया था। कमलनाथ ने इस्तीफा मंजूर भी कर लिया था। सलूजा पिछले लंबे समय से कांग्रेस और कमलनाथ के लिये सक्रिय रहे हैं। भाजपा और राज्य सरकार के खिलाफ सलूजा सबसे पहले और सबसे तीखे हमले करने के लिये पहचाने जाते हैं। उनके अचानक इस्तीफे से कांग्रेस को उनकी कमी अखर रही थी। सलूजा भी ज्यादा दिन कमलनाथ से दूर नहीं रह सकते थे। कमलनाथ और सलूजा के बीच हुई बैठक में दोनों ने पुरानी बातों को भुलाकर नये सिरे से काम करने पर सहमति बना ली है। तय है कि सलूजा की जल्दी ही पीसीसी में सम्मानजनक वापसी हो जाएगी।

चुनावी राजनीति, भाइयों में बोलचाल बंद
मप्र में चल रहे नगरीय निकाय चुनाव के चलते दो सगे भाइयों में बोलचाल बंद हो गई है। बड़े भाई शैलेन्द्र जैन सागर से लगातार तीसरी भाजपा विधायक हैं। छोटे भाई सुनील जैन सागर जिले की देवरी विधानसभा से कांग्रेस के विधायक रह चुके हैं। अलग अलग दलों में रहकर भी दोनों भाइयों की जोड़ी सागर में “राम-लक्ष्मण” की जोड़ी कहलाती थी। कांग्रेस ने इस चुनाव में सुनील जैन की पत्नी निधि जैन को महापौर प्रत्याशी घोषित कर दिया है। इससे शैलेन्द्र जैन को झटका लगा है। शैलेन्द्र नहीं चाहते थे कि जिस शहर से वे भाजपा विधायक हैं, उसी शहर से उनके छोटे भाई की पत्नी कांग्रेस के टिकट पर उतरे। खास बात यह है कि टिकट मिलते ही निधि जैन ने सागर की दुर्दशा को लेकर हमले तेज कर दिये। यह हमले सीधे सीधे विधायक के रूप में उनके जेठ के खिलाफ है। फिलहाल खबर आ रही है कि दोनों भाइयों में बोलचाल बंद हो गई है।

बीज निगम में अब हरा ही हरा!
मप्र बीज विकास निगम के अध्यक्ष मुन्नालाल गोयल को इस निगम में भ्रष्टाचार के अलावा कुछ नजर ही आता था। गोयल ने मुख्यमंत्री को लंबा चौड़ा पत्र लिखकर निगम में लंबे समय से चले भ्रष्टाचार की जानकारी देते हुए जांच की मांग कर डाली थी। मुख्यमंत्री ने पत्र पर खास ध्यान नहीं दिया तो गोयल ने मीडिया का सहारा लेना शुरु किया। उन्होंने सीएम को लिखा पत्र मीडिया में वायरल कर दिया। सरकार ने अध्यक्ष की नाराजगी की असली वजह जानने की कोशिश की तो पता चला कि निगम की एमडी प्रीति मैथिल बहुत सख्त हैं। अध्यक्ष के परिजन व समर्थक निगम में घुस भी नहीं पा रहे हैं। सरकार ने तत्काल प्रीति मैथिल को हटाकर आईएएस विकास नरवाल को निगम में एमडी नियुक्त कर दिया। नरवाल के आते ही निगम को देखने का अध्यक्ष का चश्मा बदल गया है। अब उन्हें बीज निगम में भ्रष्टाचार के बजाय चारों ओर हरा ही हरा दिखने लगा है।

महापौर टिकट में लेनदेन!
मप्र कांग्रेस के अंदरखाने से खबर निकलकर आ रही है कि कांग्रेस के एक नेता ने महापौर टिकट को लेकर लेन देन किया, लेकिन जैसे ही इसकी भनक प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ को लगी, उन्होंने तत्काल टिकट बदल दिया और नेताजी को कड़ी फटकार भी लगाई है। चर्चा है कि ग्वालियर संभाग के रहने वाला एक व्यवसायी 5 वर्ष पहले मालवा में आकर बस गया है। इस व्यवसायी ने कांग्रेस के एक दिग्गज नेता के जरिये अपनी पत्नी के लिये महापौर के टिकट की जुगाड़ लगभग लगा ली थी। कांग्रेस नेता के कहने पर कमलनाथ ने इस महिला को टिकट देने का मन बना लिया था। इसी बीच ग्वालियर व इंदौर के मुखबिरों ने कमलनाथ से मिलकर इस टिकट में भारी लेन देन के कुछ सबूत कमलनाथ को सौंप दिये। कमलनाथ ने इसे गंभीरता से लेते हुए कांग्रेस नेता को फटकार लगाई है। मजेदार बात यह है कि जिस शहर से इस महिला को टिकट दिया जा रहा था, वह कभी उस शहर में कभी रही ही नहीं।

कथावाचकों को कांग्रेस विधायकों का सहारा
मप्र के दो बड़े कथावाचकों को कांग्रेस के दो बड़े विधायकों का सहारा मिल गया है। मजेदार बात यह है कि इन दोनों कथावाचकों का झुकाव भाजपा की ओर रहता है। बागेश्वर महाराज पं. धीरेन्द्र शास्त्री ने तो भाजपा सरकार में चल रहे बुल्डोजर का समर्थन करते हुए यहां तक कह दिया कि वे भी बुल्डोजर खरीदेंगे और हिन्दु विरोधियों के घरों पर चलाएंगे। इन बागेश्वर महाराज को सबसे बड़ा सहारा कांग्रेस विधायक आलोक चतुर्वेदी का है। महाराज फिलहाल लंदन में हैं और कांग्रेस विधायक चतुर्वेदी भी पंचायत व नगरीय निकाय चुनाव छोड़कर महाराज के साथ लंदन में हैं। इसी तरह सार्वजनिक रूप से नरेन्द्र मोदी के प्रशंसक कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा को कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी का साथ मिल गया है। पटवारी इंदौर में उनकी कथा कराने की तैयारी में जुटे हैं।

और अंत में….
मप्र कांग्रेस व भाजपा के कई पदाधिकारी पत्रकारों के एक वाट्सऐप ग्रुप से जुड़े हुए हैं। इस ग्रुप में लंबे समय से दोनों दलों के पदाधिकारियों के बीच राजनीतिक बहस होती है। दोनों ओर से तीखे व्यंगबाण चलते हैं। ग्रुप में शामिल पत्रकार दोनों पक्षों को उकसाकर आनन्द लेते हैं। लंबे समय से इस ग्रुप में भाजपा नेता हावी रहे हैं, लेकिन पिछले कुछ दिनों से कांग्रेस के एक युवा प्रवक्ता के तीखे हमलों ने सबको चौंका दिया है। भाजपा नेताओं ने जब कांग्रेस प्रवक्ता को भाषा की मर्यादा का पाठ पढ़ाया तो प्रवक्ता ने ग्रुप छोड़ दिया। लेकिन एडमिन ने युवा प्रवक्ता को फिर से जोड़ लिया है। कांग्रेस के युवा प्रवक्ता का कहना है कि कांग्रेस की नई मीडिया टीम अब पहले से ज्यादा आक्रामक तरीके से हमले करेगी। फिलहाल इस ग्रुप में युवा प्रवक्ता के तीखे हमले पत्रकारों को भी खूब रास आ रहे हैं।

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