नई दिल्ली। मनी लॉन्ड्रिंग के मामले (money laundering cases) में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) (Enforcement Directorate (ED)) के समक्ष पेशी को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन (Congress workers protest) किया और मार्च निकाला। पुलिस ने मार्च की अनुमति नहीं दी थी, बावजूद कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं व कार्यकर्ताओं ने मार्च निकालने का प्रयास किया। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए राजधानी के अलग-अलग जगहों से करीब एक हजार कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया। हिरासत में लिए गए नेताओं और कार्यकर्ताओं को बसों से दिल्ली के विभिन्न थानों में ले जाया गया।
पुलिस अधिकारी के मुताबिक सबसे ज्यादा 459 लोगों को नई दिल्ली जिले से हिरासत में लिया गया। इसके अलावा दूसरे जिलों से पार्टी मुख्यालय तक पहुंचने का प्रयास कर रहे कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया। महिला कार्यकर्ता को देर शाम छोड़ दिया गया। पुलिस हिरासत में लिए गए कार्यकर्ताओं के खिलाफ धारा 144 के आदेशों के उल्लंघन के तहत कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
सुबह से ही कार्यकर्ता अकबर रोड पर स्थित पार्टी कार्यालय पर पहुंचने लगे थे। राहुल गांधी भी पेशी से पहले कार्यालय पहुंचे। जहां से वह मार्च करते हुए प्रवर्तन निदेशालय तक पहुंचे। एक किलोमीटर पहले ही राहुल गांधी के साथ जा रहे लोगों को पुलिस ने रोक लिया। कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता वहां धरने पर बैठ गए। जबकि कुछ कार्यकर्ता ईडी के कार्यालय पहुंचने की कोशिश करने लगे। इसके साथ साथ अन्य नेता अन्य क्षेत्रों से वहां पहुंचने की कोशिश करने लगे।
पुलिस ने उसके बाद नेताओं और कार्यकर्ता को हिरासत में लेना शुरु कर दिया और उन्हें बसों में भरकर थानों में पहुंचाने लगे। इस दौरान अशोक गहलोत, अधीर रंजन चौधरी, रणदीप सुरजेवाला सहित अन्य नेताओं को हिरासत में ले लिया गया। प्रियंका गांधी ने दिल्ली के तुगलक रोड थाने ले जाये गए कांग्रेस नेताओं से मुलाकात करने थाने पहुंची। यहां केसी वेणुगोपाल, हरीश रावत से उन्होंने बातचीत की। इस दौरान पुलिस पर सांसदों के साथ धक्का मुक्की का आरोप लगाया गया। कांग्रेस ने पी चिदंबरम की बायी पसलियों में हेयरलाइन फ्रैक्चर और प्रमोद तिवारी को सड़क पर फेंकने का आरोप लगाया।
कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ता के घायल होने की शिकायत मिली
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पुलिस कार्रवाई के दौरान कांग्रेस नेताओं व कार्यकर्ताओं के घायल होने के संबंध में तुगलक रोड थाने में कुछ शिकायतें मिली है। हालांकि पुलिस का कहना है कि उनकी जानकारी में पुलिस द्वारा बल प्रयोग की ऐसी कोई घटना नहीं हुई है और अब तक कोई मेडिकल रिपोर्ट दर्ज नहीं किया गया है। बावजूद हिरासत के दौरान किसी तरह की धक्कामुक्की का आरोप हैं, तो उसपर उचित कार्रवाई के लिए गंभीरता से विचार किया जाएगा।
इलाके में तैनात थी सुरक्षाबलों की 10 अतिरिक्त कंपनी
दिल्ली पुलिस ने आज की रैली को देखते हुए एहतियातन तौर पर कांग्रेस पार्टी मुख्यालय व आसपास के इलाके में जिला पुलिस के जवानों के साथ साथ सुरक्षाबलों की करीब दस अतिरिक्त कंपनी की तैनाती की थी। पुलिस की ओर से 25 बसें भी रखीं गई थीं। हिरासत में लिए गए नेताओं और कार्यकर्ताओं को बसों से दिल्ली के नरेला, मॉडल टाउन, द्वारका, फतेहपुबेरी सहित दूर दराज के थानों में ले जाया गया। देर रात तक इस मामले में किसी तरह की कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई थी।
महिला कार्यकर्ताओं को शाम को थाने से छोड़ा गया
पुलिस अधिकारी ने बताया कि हिरासत में ली गईं महिला कार्यकर्ताओं के देर शाम थाने से छोड़ दिया गया। जबकि पुरूषों को थाने में रखा गया था और उनके चाय-पानी का इंतजाम किया गया था। अकबर रोड पर स्थित पार्टी के मुख्यालय में जबरदस्ती पहुंचने का प्रयास करने और वहां पहुंचने वाले कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया। साथ ही उनलोगों को हिरासत में लिया गया जो जबरन निकाली गई रैली में शामिल हुए थे।
पुलिस ने रैली की मंजूरी नहीं दी थी
पुलिस की तरफ से रैली की मंजूरी नहीं दी गई थी। पुलिस ने लिखित रूप से कह दिया था कि उन्हें रैली की इजाजत नहीं है। हालांकि पार्टी की ओर से सौ वरिष्ठ नेताओं को पार्टी कार्यालय आने की इजाजत मांगी गई। पुलिस ने सौ वरिष्ठ नेताओं को पार्टी मुख्यालय में आने की इजाजत दे दी गई थी। लेकिन रैली करने से मना किया था। उन्हें शांतिपूर्ण तरीके से विरोध करने के लिए कहा गया था, लेकिन वह इसके लिए तैयार नहीं थे।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved