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    भोपाल देहात के दो आईपीएस में नहीं बैठ रही पटरी, एसपी को नजरअंदाज कर रहे थाना प्रभारी

  • June 10, 2022

    • एसपी को छोड़ सीधे आईजी को दी जाती है घटनाओं की जानकारी

    भोपाल। भोपाल देहात आईजी इरशाद वली और एसपी किरण लता किरकिट्टा के बीच पटरी नहीं बैठ रही है। दरअसल भोपाल देहात में आने वाले सातों थानो ंमें आईजी द्वारा भोपाल डीआईजी रहते पोस्टेड किए गए थाना प्रभारी हैं। यही कारण है कि यह थाना प्रभारी तमाम घटनाओं की सीधी सूचना एसपी को नजरअंदाज करते हुए आईजी को देते हैं। वहीं अपडेट न रहने के कारण कई बार एसपी को आईजी की समझाइश का सामना भी करना पड़ा है। जानकारी के अनुसार रकीब दो सप्ताह पहले गुनगा इलाके में एक पुलिसकर्मी को लोकायुक्त ने ट्रैप किया था। इस बड़े मामले की जानकारी एसपी को नहीं थी। पुलिस सूत्रों का दावा है कि एसपी ने ट्रैप हो चुके पुलिसकर्मी का ट्रांसफर आर्डर ट्रैप किए जाने के कुछ घंटे बाद ही निकाल दिया था। आईजी को इसकी जानकारी मिलते ही उन्होंने एसपी किरण लता को समझाइश दी, आनन फानन में ट्रांसफर आर्डर केंसल किया गया। इसी प्रकार पांच दिन पूर्व में बैरसिया इलाके में एक साथ दो लूट तथा एक लूट की कोशिश का मामला सामने आया था। इस मामले की जानकारी टीआई ने एसपी को नहीं थी। लिहाजा एसपी ने थाना प्रभारी को पत्र जारी कर जवाब मांगा था। बुधवार की शाम को बैरसिया से अगवा की गई आठवी की छात्रा के मिलने की सूचना भी टीआई गिरीश त्रिपाठी ने एसपी को नहीं थी। जबकि पुलिस सूत्रों का कहना है कि इस मामले की जानकारी आईजी को तड़के ही दे दी गई। अल सुबह आईजी स्पॉट पर पहुंच गए, एसपी और एसडीओपी मौके से नदारदत थे। फिर एक बार एसपी को कॉल पर लापरवाही को लेकर समझाइश दी गई। इधर, एसडीओपी केके वर्मा भी आईजी के आने की जानकारी मिलने के बाद स्पॉट पर पहुंचे।


    एसडीओपी से भी रहा था विवाद
    बैरसिया एसडीओपी केके वर्मा पूर्व में दो बार यहीं एसडीओपी रहे। एक बार बैरसिया थाने में सब इंस्पेक्टर रहे। साढ़े तीन साल पहले केके वर्मा को अचानक ट्रांसफर कर दिया गया था। उनके स्थान पर डीएसपी नीतू सिंह को पदस्थ किया गया था। जिसके बाद केके वर्मा शासन के खिलाफ कोर्ट गए। मामला कोर्ट पहुंचने के बाद में नीतू सिंह को हटाकर प्रशिक्षु आईपीएस अंकित जयसवाल को बैरसिया में पोस्टेड किया गया था। कोर्ट से लंबी लड़ाई लडऩे के बाद में केके वर्मा एक बार फिर बैरसिया के एसडीओपी बने। सूत्रों का दावा है कि उनके साथ हुए पूरे घटनाक्रम के लिए वह एक तत्कालीन डीआईजी को जिम्मेदार मानते हैं।

    नहीं हो रही टीआई की पदस्थापना
    भोपाल ग्रामीण के थाना नजीराबाद और गुनगा केा एसआई संभाल रहे हैं। जबकि सीनियर टीआई केएन भारद्वाज और टीआई अंसार खान पुलिस लाइन देहात में पदस्थ हैं। उक्त दोनों ही थाने टीआई स्तर के थाने हैं। इसी प्रकार भोपाल शहर के कई थानों को एसआई संभाले हुए हैं।

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