उज्जैन। ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी पर आज ही के दिन गंगा माता का धरती पर अवतरण हुआ था। इस अवसर पर संतों ने पेशवाई निकाली तथा नीलगंगा सरोवर में सुबह शाही स्नान किया। इसमें देशभर से आए 100 से ज्यादा विभिन्न अखाड़ों के साधु संत शामिल हुए। शाम को भी नीलगंगा तीर्थ पर महाआरती की जाएगी। शिप्रा तट पर भी आज शाम गंगा दशहरा मन रहा है और शाम को शिप्रा माँ को चुनर ओढ़ाई जाएगी। आज सुबह से ही नीलगंगा स्थित श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा परिसर में गंगा दशहरा महोत्सव की शुरुआत हो गई थी। अखाड़े के अंतर राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीमहंत नारायणगिरी महाराज ने बताया कि अखाड़ा परिसर स्थित नील गंगा घाट पर आज गंगा दशहरा पूजन पर्व मनाया जा रहा है।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री हरिगिरि महाराज की मौजूदगी में यहाँ जूना अखाड़ा के साधु-संत, महामंडलेश्वर सहित विभिन्न अखाड़ों के संत और भक्त शाही स्नान के लिए सुबह से पहुँच गए थे। सिहंस्थ पड़ाव स्थल नीलगंगा से इसके बाद पेशवाई प्रारंभ हुई जो नीलगंगा चौराहा होते हुए जूना अखाड़ा घाट पहुँची, यहां जूना अखाड़ा नीलगंगा के देवता का स्नान विधि विधान से कराया गया। उसके बाद साधु संत नीलगंगा सरोवर में स्नान करने पहुँचे। इस दौरान जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी महेंद्र आनंद गिरि महाराज, साध्वी महामंडलेश्वर जय अंबा गिरी माता गुजरात सहित जूना अखाड़ा के अन्य महामंडलेश्वर और संतगण शामिल हुए। पेशवाई के दौरान पूरे मार्ग पर सिंहस्थ जैसा नजारा दिख रहा था। शाम को मां नीलगंगा की महाआरती के साथ ही संतों ओर भक्तजनों का विशाल भंडारा आयोजित किया जा रहा है। हरियाणा से आए जंगम जोगी बाबाओं द्वारा शिव स्तुति एवं निनाद नृत्य अकादमी की बालिकाओं द्वारा गंगा स्तुति की प्रस्तुतियां होगी।
आतिशबाजी के साथ अर्पण होगी चुनरी
आज शाम को 7 बजे नीलगंगा सरोवर में गंगा पूजन पश्चात मां नीलगंगा को 108 फीट की चुनरी अर्पण की जाएगी। वहीं आतिशबाजी के साथ महाआरती का आयोजन होगा। सिहंस्थ में जिस प्रकार से सभी अखाड़ों के देवता स्वरूप भाले का संत महंत विधि विधान शिप्रा नदी में पूजन करते हैं इस वर्ष गंगा दशहरे पर गंगा प्रकाश भाले की पूजन की परंपरा शुरू हो रही है। उक्त देवता स्वरूप भाले को अखाड़े के वरिष्ठ श्रीमहंत लेकर पेशवाई में आगे चलते हैं।
शिप्रा तट पर किया आयोजन
आचार संहिता के कारण भले ही आज से आरंभ होने वाली शिप्रा तीर्थ परिक्रमा रद्द हो गई हो लेकिन गंगा दशहरा पर्व रामघाट पर मनाया जा रहा है। शाम को यहाँ शिप्रा गंगा का विधिविधान से पूजन किया जाएगा और चुनर चढ़ाई जाएगी। पिछले 15 दिनों से गंगा दशहरा महोत्सव रामघाट पर मनाया जा रहा है।
रामेश्वर महादेव का होगा अभिषेक
गंगा दशमी के अवसर पर शिप्रा तट रामघाट के ऊपर रामसीढ़ी के समीप स्थित प्राचीन रामेश्वर महादेव का रुद्राभिषेक किया गया तथा इसके बाद यहाँ विशेष अनुष्ठान शुरु हुआ जिसमें कोरोना महामारी की समाप्ति को लेकर कामना की गई।
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