हवाई ड्रोन और टैंक के पार्ट बनाने वाली कम्पनी का नया स्टार्टअप
महाराष्ट्र, पंजाब के बाद अब इंदौर में भी बनेंगे बुलेटप्रूफ वाहन
इंदौर, प्रदीप मिश्रा ।
रक्षा मंत्रालय (Ministry of Defence) के लिए काम करने वाले डिफेंस रिसर्च डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (Defense Research Development Organisation) (डीआरडीओ) की शर्तों व उसकी अनुमति से हाईटेक्निक वाले हवाई ड्रोन व आर्मी में इस्तेमाल किए जाने वाले टैंक के पार्ट बनाने वाली इंदौर की कम्पनी ने बुलेटप्रूफ वाहन (Bulletproof Vehicles) बनाने का एक नया स्टार्टअप शुरू किया है। आने वाले दिनों में महाराष्ट्र और पंजाब के बाद अब इंदौर में भी वाहनों को बुलेटप्रूफ करने का काम होने लगेगा ।
अभी तक बुलेटप्रूफ वाहन बनाने का काम महाराष्ट्र के मुंबई और पंजाब के जालंधर व मोहाली में ही होता है। देश में 4 कम्पनियां ही यह काम करती आ रही हैं। यह काम करने वालों में लग्गर जेसीबीएल, टाटा मोटर्स, शील्ड आर्मिंग कम्पनी शामिल हैं। बुलेटप्रूफ वाहन बनाने का काम 1986 में शुरू हुआ था। यह कम्पनियां सरकारी व निजी वाहनों को बुलेटप्रूफ बनाने का काम करती हैं तो वहीं टाटा की कम्पनी सिर्फ सरकारी वाहनों को बुलेटप्रूफ बनाती आ रही है। ड्रोन व टैंक के पार्ट बनाने वाली लाइट एंड गाइड कम्पनी का यह नया स्टार्टअप इंदौर में सरकारी व निजी दोनों प्रकार के वाहनों को बुलेटप्रूफ बनाने का काम करेगा।
शासन से लेना पड़ती है अनुमति
बुलेटप्रूफ वाहन (Bulletproof Vehicles) बनाने वाली कम्पनी को शासन व सम्बन्धित विभागों द्वारा कई कड़ी शर्तो पर ऐसे वाहन बनाने की अनुमति दी जाती है। इसके अलावा वाहन को बुलेटप्रूफ करवाने के लिए वाहन मालिक को भी गन (बंदूक) के लाइसेंस की तरह बुलेटप्रूफ करवाने की अनुमति लेना पड़ती है।
अभी तक यह वाहन बुलेटप्रूफ होते आ रहे हैं
लग्गर इंडस्ट्री में सेना व अर्धसैनिक बलों तथा सरकारी वाहनों के अलावा निजी तौर पर ज्यादातर लोग एसयूवी (स्पोट्र्स यूटिलिटी व्हीकल) को ही बुलेटप्रूफ करवाने के ऑर्डर दे रहे हैं। इनमें फाच्र्यूनर, इनोवा, मांटेरियो, लैंड रोवर, वॉल्वो, ऑडी, जगुआर, स्कॉर्पियो, बोलेरो, लैंड क्रूजर, टाटा सूमो, टाटा सफारी तथा मर्सिडीज व बीएमडब्ल्यू की विभिन्न एसयूवी शामिल हैं।
वाहन का वजन बढ़ जाता है, कम हो जाता है एवरेज
वाहन को बुलेटप्रूफ करवाने से उसका वजन बढ़ता चला जाता है और वाहन का माइलेज एवरेज लगभग आधा रह जाता है। केवल फ्रंट, बैक व साइड शीशे बुलेटप्रूफ करवाते हैं तो करीब 300 किलो भार बढ़ जाता है। शीशों के साथ दरवाजे व पूरी गाड़ी बुलेटप्रूफ तैयार करवाते हैं तो वजन बढ़ता जाता है, इसलिए हाईएंड गाडिय़ों की ही बुलेटप्रूफिंग होती है।
बुलेटप्रूफ वाहन में 10 से 50 लाख तक का खर्च
बुलेटप्रूफ वाहन (Bulletproof Vehicles) बनवाने के लिए लगभग 10 लाख से लेकर 50 लाख तक का खर्च आता है। इसमें वाहन को कम्प्लीट बुलेटप्रूफ करवाना है या उसके कुछ हिस्से बुलेटप्रूफ करना है।
खर्च का हिसाब
– फ्रंट व बैक शीशे- 10 से 12 लाख
– फ्रंट, बैक व दरवाजों के शीशे-12 से 17 लाख
– सभी शीशे व पांचों दरवाजे-18 से 22 लाख
– सभी शीशे, दरवाजे व रूफटॉप और बॉटम-22 से 32 लाख
– सभी शीशे, सभी दरवाजे, रूफटॉप, बॉटम व पेट्रोल टैंक-35 से 40 लाख
– फुल बुलेटप्रूफ वाहन- 40 से 45 लाख रुपए।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved