इंदौर, कमलेश्वरसिंह। स्वच्छता के लिए तमगे लेने वाले नगर निगम में भ्रष्टों और ठगोरों की इस कदर गंदगी भरी पड़ी है कि असलम नामक एक बेलदार के कांडों के बाद एक अन्य बेलदार द्वारा गरीबों को कंगाल बनाने की ठगी किए जाने का पर्दाफाश हुआ है। निगम के मस्टरकर्मी माखन जाट ने कई गरीबों को प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत लोन दिलाने के नाम पर ठग लिया। इस ठगोरे ने कई लोगों से पैसे लेने के बाद उन्हें लोन मंजूरी के फर्जी लेटर तक थमा दिए, जिन पर अधिकारियों के नकली हस्ताक्षर किए हुए थे। ठगाए लोगों ने निगम के वरिष्ठ अधिकारियों को कई बार शिकायत की, लेकिन उन्होंने भी अनदेखा कर दिया, जिससे इस कांड में बड़े अधिकारियों के भी शामिल होने की आशंका नजर आ रही है।
निगम के झोन 16 पर पदस्थ मस्टरकर्मी माखन जाट द्वारा सरकार द्वारा बनाई गई प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत लोन दिलाने के नाम पर कई महिलाओं को लालच दिया और उनसे कमीशन की राशि के रूप में हजारों रुपए प्राप्त कर लिए। कमीशन की राशि की पहली किस्त मिलने के बाद दूसरी किस्त लेने के लिए जाट ने उन्हें निगम के लोन दिलाने वाले विभाग एनआरवाय का फर्जी पत्र थमा दिया, जिसमें आवेदन फार्म जमा होने से लेकर लोन मंजूरी तक की बात लिखी होती थी। कई को तो उसने फर्जी चेक तक दिखा डाले, जिन पर निगमायुक्त के हस्ताक्षर भी थे। ये चेक माखन जाट ने लोगों को दिखाने के बाद रख लिए। इन लोगों को जब लोन का चेक नहीं मिला और जाट आश्वस्त करता रहा तो झल्लाए लोगों ने ठगी की शिकायत निगम के अधिकारियों को की, लेकिन उस पर कार्रवाई तो दूर जांच तक नहीं की गई।
तकरीबन 8 साल से निगम में पदस्थ यह मस्टरकर्मी कई लोगों को चूना लगा चुका है। अपनी पहुंच के चलते शिकायतों को दबाने में भी यह माहिर है। पीडि़त लोग जब इसकी शिकायत आला अधिकारियों से करते तो यह उन्हें डराने-धमकाने घर भी पहुंच जाता। पुलिसिया स्टाइल में यह अपने साथ मोटरसाइकिल पर लाठी भी रखता है और लोगों को धौंस भी देता है कि उसका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। ताज्जुब की बात तो यह है कि झोन के कर्मचारी और अधिकारी के संज्ञान में मामला होने के बावजूद वे आधिकारिक रूप से बयान देने से बचते हैं।
केस -1
सांवरिया नगर छोटा बांगड़दा की रहने वाली महिला लक्ष्मी ने बताया कि झोन पर आने-जाने के दौरान 2 साल पहले माखन जाट से परिचय हुआ। 7 महीने पहले इसने 10 लाख का लोन दिलाने के लिए दो बार में 35000 और 14000 कुल 49,000 रुपए ले लिए। काम नहीं होने के बाद पीडि़त ने रुपए वापस मांगे तो बहानेबाजी कर आज तक नहीं लौटाए।
पैसों की कमी के चलते ससुर की मौत
इस दौरान पीडि़ता के ससुर बीमार हो गए। फरवरी में उनका निधन हो गया। पीडि़ता को इस बात का दु:ख है कि पैसे की तंगी के चलते ससुर का इलाज नहीं करा पाए।
इतनी शिकायत, फिर भी कोई कार्रवाई नहीं
– 16 मई को एरोड्रम थाने में
– 17 मई को निगम कमिश्नर
– 31 मई को सीएम हेल्पलाइन
केस-2
गरीबी में आटा गीला
सिरपुर निवासी पीडि़त अफजल के बेटे इमरान ने बताया कि उसके पिता से भी माखन ने सालभर पहले 15000 रुपए यह कहकर लिए कि आपका लोन पास हो गया है और अधिकारियों को पैसे देना हैं। लोन की रकम पीडि़त को नहीं मिलने के बाद शिकायत की तो झोन से पता चला कि यह कई लोगों के पैसे हड़प चुका है।
बात बढ़ी तो एक महिला को पैसा लौटाने का किया इकरारनामा… उसमें भी चार सौ बीसी
छोटा बांगड़दा की पीडि़ता लक्ष्मी ने जब अलग-अलग जगह जाकर शिकायत की तो माखन ने उसके साथ स्टाम्प पर इकरारनामा किया, जिसमें उसने कबूल किया कि उसने प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के अंतर्गत लोन कराने हेतु 50 हजार रुपए कमीशन पेटे प्राप्त किए थे और ऋण प्राप्त न होने से उसे राशि लौटा रहा है। इकरारनामे के साथ ठगोरे माखन ने जो चेक महिला को दिया उस पर तारीख 1 और महीना 60 यानी 1-60-2022 डाल दी। सौ रुपए के स्टाम्प पर किए गए इकरारनामे के साथ दिया गया चेक किसी वीरेन्द्र वर्मा का था। जब महिला बैंक में पैसे लेने पहुंची तो खाते में पैसे भी नहीं थे। महिला ने जब फर्जी चेक दिए जाने की शिकायत माखन से की तो वह उसे धमकाने के लिए घर तक पहुंच गया। माखन का कहना था कि उसके साथ कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं और वह उसका कुछ नहीं बिगाड़ पाएगी।
लोन मंजूरी के लिए तत्कालीन कमिश्नर आशीषसिंह का हस्ताक्षरित फर्जी चेक महिला को दिखाया और कमीशन वसूला…
माखन जाट के हौसले इस कदर बुलंद हैं कि वह कई सालों से ठगी के इस काम को अंजाम दे रहा है। माखन ने जिस लक्ष्मी असाटी नामक महिला को ठगा उसे आश्वस्त करने के लिए उसने एक चेक दिखाया, जिस पर प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत मिले 3 लाख 62 हजार रुपए की राशि भरी हुई थी। पंजाब नेशनल बैंक के चेक क्रमांक 949610 पर आशीषसिंह कमिश्नर इंदौर की सील भी लगी थी और उक्त चेक लक्ष्मी असाटी के नाम पर जारी किया गया था। हालांकि चेक पर निगम कमिश्नर केे हस्ताक्षर फर्जी प्रतीत हो रहे हैं।
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