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एक पोलिंग बूथ पर 500 से ज्यादा वोटर होने पर रखी जाएंगी दो मतपेटियां

June 09, 2022

  • पंचायत चुनाव मतदान पर राज्य निर्वाचन आयोग का बड़ा फैसला

भोपाल। मप्र में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने बड़ा फैसला लिया है। अब तक एक मतदान केन्द्र पर एक मतपेटी रखने का नियम है वर्तमान में हर मतदान केन्द्र पर मतदाताओं की संख्या ज्यादा होने की संभावना को देखते हुए इन निर्देशों में बदलाव किया जा रहा है। अब पंचायत चुनाव में एक मतदान केन्द्र पर 500 तक वोटर होने पर एक बड़ी मतपेटी रखी जाएगी।एक पोलिंग बूथ पर वोटर्स की संख्या 501 से 700 तक होने पर एक बड़ी और एक छोटी (कुल 2) मतपेटी रखवाई जाएगी। 700 से ज्यादा मतदाता होने पर 2 बड़ी मतपेटी दी जाएंगी। राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव राकेश सिंह ने सभी कलेक्टर और जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देशित किया है कि जिलों में उपलब्ध उपयोगी मतपेटियों की मतदान के चरणवार जरूरत के अनुसार आंकलन कर उपलब्ध मतपेटियों का अधिकतम सदुपयोग और प्रबंधन निर्वाचन आयोग द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार करें। मालूम हो कि मप्र में राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा त्रि-स्तरीय पंचायतों के सभी पदों के चुनाव तीन चरणों में बैलेट पेपर और मतपेटी से कराए जा रहे हैं।


एक चरण की वोटिंग होने के बाद मतपेटी अगले चरण में होगा उपयोग
निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने बताया कि त्रि-स्तरीय पंचायतों के चुनाव के लिए निर्धारित चुनाव कार्यक्रम में मतदान की तारीखों के बीच काफी अंतराल रखा गया है। जिले में यदि दो-तीन चरणों में चुनाव होने हैं तो पहले चरण की वोटिंग के बाद उसी दिन मतदान स्थल पर ही मतगणना करने के बाद मतपेटियों को दूसरे राउंड के मतदान के लिए उपयोग किया जाएगा। इसी प्रकार दूसरे चरण के मतदान के बाद मतपेटियां तीसरे राउंड की वोटिंग में उपयोग की जाएंगी। किसी एक चरण में शामिल किए गए ब्लॉक में मतदान व मतगणना के बाद उन विकासखण्डों में प्रयोग की गई मतपेटियों को अगले चरण में शामिल विकासखण्डों में मतदान के लिए भेजा जाएगा। इसके लिए जिले के भीतर इंटर डिस्ट्रक्ट ट्रांसपोर्टेर्शन (अंतर्परिवहन) का प्लान तैयार किया जाएगा। विशेष परिस्थितियों में यदि जिला निर्वाचन अधिकारी ब्लॉक मुख्यालय पर मतगणना का फैसला लेते हैं तो इस स्थिति में मतगणना के तत्काल बाद मतपेटियों को अगले चरण के निर्वाचन के लिए (सामग्री वितरण के पहले) संबंधित ब्लॉक में अनिवार्यत: भिजवाने की व्यवस्था करेंगे।

वर्तमान में मतपेटी की स्थिति
जिलों में बड़ी मतपेटी 58 हजार 254 और छोटी मतपेटी 44 हजार 758 हैं। कुल मतदान केन्द्र 71 हजार 643 हैं। प्रथम चरण में 27 हजार 49 , द्वितीय चरण में 23 हजार 988 और तृतीय चरण में 20 हजार 606 मतदान केन्द्रों में मतदान होगा।

आवश्यकता का आंकलन
पंचायत चुनाव के अलग-अलग चरणों के लिए बड़ी और छोटी मतपेटियों की जरूरत का आंकलन मतदाताओं की संख्या के आधार पर किया जाएगा। हर चरण में शामिल विकासखण्डों में मतदाताओं की संख्या अनुसार निर्धारित मतदान केन्द्रों की संख्या को आधार मानकर चरणवार मतपेटियों की आवश्यकता परिगणित की जाएगी। प्रत्येक जिले में चरणवार आवश्यक मतपेटियों की संख्या की गणना करके तीनों चरणों में से किसी भी एक चरण में उपयोग होने वाली अधिकतम मतपेटियों की संख्या को जिले की न्यूनतम आवश्यकता मानकर वास्तविक आवश्यकता का आकलन किया जाएगा। किसी जिले के पास छोटी मतपेटियाँ न होने या कम होने की स्थिति में छोटी मतपेटी के स्थान पर बड़ी मतपेटी दी जाएगी। मतदान केन्द्र की आकस्मिक आवश्यकता को देखते हुए प्रत्येक जोनल व सेक्टर ऑफीसर्स को पर्याप्त संख्या में रिजर्व (छोटी,बडी़) मतपेटियाँ दी जाएंगी। इसके लिए जिले की आवश्यकत्ता का आंकलन करते समय न्यूनतम 10 प्रतिशत मतपेटियाँ रिजर्व रखी जाएंगी और सामग्री वितरण के दौरान जोनल व सेक्टर के अधिकारियों को दी जाएंगी।

14 जिलों में मतपेटियों की कमी, दूसरे जिलों से होगा इंतजाम
आयोग स्तर से हर जिले के लिए मतदान केन्द्र पर मतदाताओं की संख्या को आधार मानकर मतपेटियों की चरणवार जरूरत का विस्तृत आंकलन और विश्लेषण किया गया है। इसके बाद 14 जिलों धार, देवास, खण्ड़वा, बुरहानपुर, नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, नरसिंहपुर, सिवनी, बालाघाट, सीधी, उमरिया, अनूपपुर और कटनी में मतपेटियों की कमी है। इन जिलों को आवश्यक मतपेटियों की व्यवस्था, नजदीकी जिलों से अंतर्जिला परिवहन के जरिए कराने के आदेश जारी किए जा रहे हैं। मानकों के आधार पर गणना किए जाने के बाद यदि किसी जिले में मतपेटियों की कमी नजर आती है तो दो दिन में आयोग को अतिरिक्त मतपेटी की मांग भेजने के निर्देश दिए गए हैं।

वोटिंग के दौरान विवाद रोकने मतदान और मतगणना कराने वाले अमले को करें ट्रेंड
राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव राकेश सिंह ने निर्देश दिए हैं कि मतदान और मतगणना कराने वाले पीठासीन अधिकारियों और मतदान दल अधिकारी, कर्मचारियों को प्रशिक्षण में पूरी प्रक्रिया की जानकारी देने और उनकी हर शंका का समाधान करने के निर्देश दिए हैं। पंचायत चुनाव में मतदान केन्द्र पर होने वाली मतगणना के दौरान छोटी-छोटी बातों पर विवाद की स्थिति बनती है। ऐसे में मतदान दल के सदस्यों का कांसेप्ट पूरी तरह से क्लियर रहना चाहिए। इससे वे मौके पर प्रत्याशियों और पोलिंग एजेंट की शंकाओं का समाधान कर सकेंगे।

हर जिले में बनाएं पांच आदर्श मतदान केन्द्र
राज्य निर्वाचन आयुक्त बसंत प्रताप सिंह ने सभी कलेक्टर और जिला निर्वाचन अधिकारियों से कहा है कि जिले में कम से कम पांच मतदान केन्द्रों को आदर्श मतदान केन्द्र के रूप में तैयार किया जाए। इन मतदान केन्द्रों में मतदान दिवस पर जरूरी व्यवस्थाएं कर आदर्श मतदान केन्?द्र बनाया जा सकता है।

ऐसे बनाए जाएंगे आदर्श मतदान केन्द्र

  • मतदान केन्द्र भवन के ग्राउंड फ्लोर (भू-तल) पर बनायें।
  • प्रवेश द्वार को तोरण द्वार, रंगोली, गुब्बारों एवं फूलों आदि से सजायें। मतदाताओं के लिए छायादार वेटिंग हॉल, बैठने के लिए कुर्सियाँ, स्वच्छ दरी की व्यवस्था करें।
  • पेयजल, शौचालय की व्यवस्था और सुगम पहुँच मार्ग बनायें।
  • महिला एवं पुरूषों के लिए अलग-अलग लाइन बनाने के साथ ही वृद्ध, बीमार एवं दिव्यांग मतदाताओं को मतदान में प्रथामिकता दिलाएं।
  • प्रवेश एवं निर्गम द्वार अलग-अलग से बनायें।
  • रैम्प और व्हील चेयर और फस्र्ट एड बॉक्स की व्यवस्था करें।
  • मतदान केन्द्र के पास सुविधा केन्द्र की स्थापना और आदर्श मतदान केन्द्र के प्रत्येक मतदाता को 100 प्रतिशत मतदाता पर्ची का वितरण करें।

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