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    बिना स्कैन नहीं होगी रीडिंग

  • June 08, 2022

    • मीटर में क्यूआर कोड लगाकर लोकेशन पता करेगी बिजली कंपनी
    • कृषि पंप और घरेलू कनेक्शन वाले मीटर पर लगा रही कंपनी, बिजली चोरी पकडऩे में होगी आसानी

    भोपाल। डिजिटल तकनीक के दम पर बिजली चोरी रोकने और वास्तविक खपत का बिल जारी करने के लिए पूर्व क्षेत्र कंपनी कई बदलाव कर रही है। कंपनी ने अब क्यूआर कोड तकनीक का सहारा लिया है, ताकि उपभोक्ता की वास्तविक खपत पता चल सके। इस बदलाव से सिर्फ खपत ही नहीं जांची जा रही हैं बल्कि कृषि पंप चलाने वाले उपभोक्ता का पता ठिकान भी ग्लोबल पोजिसनिंग सिस्टम में दर्ज हो रहा है, ताकि किसी भी वक्त पंप कनेक्शन की जांच की जा सके।पंप की जांच करना अभी बिजली कंपनी के लिए आसान नहीं है। खेतों के बीच किस उपभोक्ता का कौन सा पंप है यह जानने के लिए स्थानीय लाइनमेन का सहयोग लेना पड़ता हैं जिस वजह से बिजली चोरी पकडऩा कठिन होता है। जीपीएस लोकेशन दर्ज होने के बाद पंप की मोबाइल पर ही लोकेशन पता चल जाएगी। फिलहाल छिंदवाड़ा, कटनी समेत कुछ अन्य जिलों के उपभोक्ताओं को क्यूआर कोड लगाया गया है।



    बिजली कंपनी पहले कृषि पंप उपभोक्ताओं के लिए क्यूआर कोड प्रणाली लागू किया है। क्यू आर कोड मीटर पर चस्पा किया जा रहा है। जिसे मोबाइल पर उपलब्ध साफ्टवेयर पर स्कैन करने पर ही उपभोक्ता का ब्योरा खुलेगा। पहली दफा रीडिंग करने वाले पंप का मौजूदा लोड, कनेक्शनधारी का नाम, पता, मोबाइल नंबर समेत पूरी कुंडली तैयार करेंगा। जिसकी पावती भी उपभोक्ता को दी जा रही है। लाइन स्टाफ सबूत के तौर पर सेल्फी भी लेकर रखेगा। इस व्यवस्था में उपभोक्ता का सहीं लोड, नाम और ठिकाना दर्ज होगा। अगली बार जब उपभोक्ता के पंप तक पहुंचना होगा तो स्थानीय लाइनमेन की मदद लिए बगैर ही कोई भी अधिकारी जीपीएस की मदद लेकर सीधे पंप कनेक्शन तक पहुंचकर स्थिति की जांच कर पाएंगा। यदि अवैध तरीके से बिजली या लोड बढ़ा मिलता है उनके खिलाफ प्रकरण भी बनेगा। अभी कई उपभोक्त कम लोड लेकर अधिक लोड वाला पंप संचालित करते हैं जिस वजह से बिजली विभाग के ट्रांसफार्मर पर अनियमित भार बढ़ता है। इस वजह से अधिकांश ट्रांसफार्मर भी खराब होते हैं।

    घरेलू उपभोक्ता के लिए भी क्यूआर कोड
    अभी कंपनी ने कुछ उपभोक्ताओं के मीटर यह क्यूआर कोड चस्पा कर रही है आगे बिजली कंपनियां हर उपभोक्ता के मीटर में क्यूआर कोड चस्पा करेंगी। जब मीटर रीडर जाएगा तो एप पर कोड स्कैन करने पर ही उपभोक्ता की जानकारी खुलेगी। यदि घर का लोड अधिक है तो उसे जरूरत के हिसाब से बढ़ाया जाएगा। बिना कोड स्कैन किए उपभोक्ता का ब्योरा ही नहीं खुलेगा जिस वजह से रीडिंग नहीं हो पाएगी। बिजली कंपनी ने जबलपुर शहर और दमोह जिला को छोड़कर इस व्यवस्था को शेष सभी 19 जिलों में लागू किया है। क्यूआर कोड यदि खराब या फट जाता है तो उसे दोबारा चस्पा किया जाएगा।

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