भोपाल। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में किसान को जमीन के बदले न केवल पर्याप्त मुआवजा दिया जाएगा, बल्कि उस जमीन पर लगने वाले उद्योग में हिस्सेदारी भी मिल सकेगी। लैंड पूलिंग के इस नए मॉडल को मध्य प्रदेश की कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। इसे देश में अनूठा मॉडल बताया जा रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक आयोजित किए गए। गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि बैठक में अनेक महत्वपूर्ण निर्णय हुए। इंदौर-पीथमपुर इन्वेस्टमेंट रीजन में औद्योगिक विकास के दूसरे चरण में आपसी सहमति के आधार पर 2021 से 2023 तक 500 हैक्टेयर जमीन अधिग्रहित की जाएगी। यह लैंड पूलिंग का अपनी तरह का अनूठा मॉडल होगा। किसान भी उस संस्था में भागीदार हो जाएगा। जो भी उद्योग लगेगा, उसमें किसान भी भागीदार हो सकेगा। शिवराज सरकार ने यह निर्णय लेकर किसानों के साथ न्याय किया है।
प्राइवेट बस ऑपरेटरों को राहत
कोविड का प्रसार रोकने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन लगा था। उस दौरान प्राइवेट बस ऑपरेटरों को भी अपनी सेवाएं बंद करने को कहा गया था। उनसे वसूले जाने वाले वाहन करों की छूट दी गई है। इससे मध्य प्रदेश सरकार पर 130 करोड़ रुपये का बोझ आएगा। दतिया जिले के भांडेर विधानसभा 330 मेगावाट सौर ऊर्जा परियोजना लगाने की अनुमति कैबिनेट ने दी है। कंपनी को जमीन पर 83 मेगावाट का सोलर प्रोजेक्ट लगाने का प्रस्ताव दिया है। इसके लिए एक स्पेशल पर्पज व्हीकल (एसपीवी) बनाया जाएगा।
यह फैसले भी हुए कैबिनेट में
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