इंदौर। सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में ब्रेन हेमरेज के शिकार मरीजों का नई तकनीक से इलाज शुरू किया गया है। न्यूरो इंटरवेशन टीम के डाक्टरों ने बिना चीर-फाड़ किए मरीज के पैरों की नस के जरिए तार डालकर इलाज किया। मेडिकल की भाषा में इसे न्यूरो इंटरवेशन तकनीक बोला जाता है। इस तकनीक के जरिए बिना ऑपरेशन के मरीज का इलाज किया जाता है।
सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के अधीक्षक डॉक्टर सुमित शुक्ला ने बताया कि अभी तक इस तकनीक के जरिए 2 मरीजों का इलाज किया गया है। वह अब पूरी तरह स्वस्थ हैं। इंदौर निवासी 55 वर्षीय महिला, जो सिर की नस में गुब्बारा (एन्यूरिज्म) फटने से शहर के निजी अस्पताल में इलाज करवाती रहीं। लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी उनमें कोई सुधार नहीं हुआ।
आखिरकार परिजन उन्हें वेंटिलेटर पर एमवाय हॉस्पिटल लेकर आए। यहां न्यूरो सर्जरी के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डाक्टर राकेश गुप्ता की निगरानी में प्रारंभिक इलाज शुरू किया गया। इसके बाद उन्हें न्यूरो इंटरवेशन से इलाज के लिए सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल रैफर कर दिया गया। यहां पर मौजूद डाक्टर प्रशांत राज, डाक्टर पीयूष पंचारिया, डाक्टर अखिलेश श्रोती की न्यूरो इंटरवेंशन टीम ने न्यूरो इंटरवेशन टेक्निक से इलाज शुरू किया।
सिर का बिना ऑपरेशन किए पैर की नस में तार डालकर कायलिंग किया गया। इससे मरीज की हालत में सुधार होने लगा। वह पूरी तरह स्वस्थ होकर घर लौट चुकी हैं। इसी तरह एक 60 वर्षीय महिला के दिमाग की नस में गुब्बारा फटने से ब्रेन हेमरेज हो गया था। उन्हें भी धार अस्पताल से वेंटिलेटर पर एमवाय हास्पिटल रैफर किया गया था। इसी तरह उनका भी इलाज किया गया। वह भी पूरी तरह से ठीक हो कर घर लौट चुकी हैं।
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