भोपाल। मध्यप्रदेश में एक साल पहले शुरू हुआ अंकुर अभियान अब हकीकत में नजर आने लगा है। हजारों लोग इससे जुड़े हैं साथ ही पौधारोपण के लिए जागरूक हुए हैं। प्रदेश के मुखिया खुद अपनी सुबह की शुरुआत पौधा लगाकर ही करते हैं। अंकुर अभियान का मुख्य उद्देश्य मध्य प्रदेश की जनता को प्रोत्साहित करना है कि अधिक से अधिक पौधे लगाएं। बता दें कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 19 फरवरी 2021 को अंकुर अभियान की शुरुआत की थी। मुख्यमंत्री शिवराज ने एक वर्ष तक प्रतिदिन पौधे लगाने का संकल्प लिया था और उन्होंने कामना की कि हमारी धरा अनवरत अन्न व जल रूपी धन से समृद्ध रहे। सीएम ने पौधारोपण को अपनी आदत बना लिया है। वे कहीं भी रहें, अपनी सुबह की शुरुआत पौधारोपण से करते हैं।
मध्य प्रदेश सरकार ने मानसून के सीजन में पौधारोपण को प्रोत्साहित करने के लिए अंकुर योजना शुरू की है। इसके तहत पौधारोपण के लिए चयनित विजेताओं को सरकार द्वारा सम्मानित किया जाएगा। यह राज्य सरकार का एक मेगा वृक्षारोपण अभियान है, जिसमें भाग लेने वाले और पेड़ लगाने वाले सभी लोगों को राज्य सरकार की तरफ से प्राणवायु अवॉर्ड से सम्मानित किया जाता है। एक अधिकारी ने बताया कि इस योजना के तहत वायुदूत ऐप पर अपना पंजीयन करा प्रतिभागियों को पौधा लगाते समय एक तस्वीर अपलोड करनी होगी और 30 दिनों तक पौधे की देखभाल करने के बाद उसकी दूसरी तस्वीर अपलोड करनी होगी। इसके सत्यापन के बाद मुख्यमंत्री प्रदेश के प्रत्येक जिले से चुने गये विजेताओं को प्राणवायु पुरस्कार प्रदान करेंगे।
सीएम शिवराज सिंह चौहान हर रोज एक पौधा रोपते हैं। उन्होंने 400 से अधिक पौधे भोपाल में स्थित स्मार्ट सिटी उद्यान में लगाए हैं। सीएम हर रोज किसी एनजीओ, पत्रकारों, समिति आदि के साथ मिल कर पौधारोपण करते हैं। उन्होंने अंकुर अभियान को जनभागीदारी मॉडल से जोड़ दिया है, उसी का नतीजा है कि आज प्रदेश के 6.5 लाख से अधिक लोगों ने इस अभियान से जुड़ कर अपने-अपने घरों में पौधारोपण किया है।
प्रदेश में आम, नीम, अशोक, करंज आदि के लाखों पौधे लगाए जा चुके हैं। मध्यप्रदेश हरियाली की चादर ओढ़े हुए है, साल भर में अंकुर अभियान के अंतर्गत बहुत पौधरोपण हुए हैं जिसकी वजह से मध्यप्रदेश पर्यावरण अनुकूलित साबित हो रहा है। वन सर्वेक्षण रिपोर्ट 2021 के अनुसार मध्यप्रदेश क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा वन क्षेत्र है। प्रदेश में 10 राष्ट्रीय उद्यान होने के साथ-साथ 25 वन्यजीव अभयारण्य हैं।
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