भोपाल। नगर निगम चुनाव का शंखनाद हो गया है। इसके साथ भाजपा हलकों में हलचल अचानक तेज हो गई है। पार्षद का टिकट पाने के इच्छुकों में खासा उत्साह है तो वे नेताओं के इर्द-गिर्द घूमना शुरू हो गए हैं। हालांकि उन्हें ये अहसास है कि टिकट का रास्ता विधायक और नगर भाजपा अध्यक्ष से होकर गुजरेगा। जिन नामों पर दोनों की सहमति बन जाएगी, उस पर मुहर लगने में दिक्कत भी नहीं आएगी। राज्य निर्वाचन आयोग ने प्रदेश के नगरीय निकाय चुनाव की घोषणा कर दी है। भोपाल के चुनाव पहले चरण में होने जा रहे हैं, जिसमें 11 से 18 जून के बीच नामांकन दाखिल होंगे तो 6 जुलाई को महापौर और पार्षद को लेकर मतदान होगा। इस घोषणा के साथ में भाजपा के राजनीतिक गलियारों में गतिविधियां तेज हो गईं हैं। दावेदारों ने कमर कस कर मैदान संभाल लिया है लेकिन वे कंफ्यूज हैं कि किसको साधने पर टिकट पक्का हो जाएगा।
लगाएंगे बारीक छन्नी
भाजपा ने स्पष्ट कर रखा है कि टिकट का पैमाना सिर्फ जीत होगा। विजयी होने का दम भरने वाले उम्मीदवार को ही चुनाव लड़ाया जाएगा। इसके लिए वार्ड के सामाजिक समीकरण के साथ दावेदार की व्यक्तिगत छवि को भी देखा जाएगा। टिकट वितरण के दौरान सांसद की पसंद का भी ध्यान रखा जाता है।
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