नई दिल्ली। वैसे तो हर माता-पिता चाहते हैं कि उनका बच्चा गोरा (baby blonde) और सुंदर पैदा हो। इसके लिए गर्भावस्था में महिलाओं को तरह-तरह की चीजें खाने के लिए कहा जाता है, ताकि उनकी होने वाली संतान गोरी (baby blonde) रहे लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक जगह ऐसी भी है जहां गोरे बच्चे (baby blonde) के पैदा होते ही उसे मार दिया जाता है?
यह जगह कोई और नहीं बल्कि, हमारा ही देश भारत है। आज हम आपको अंडमान एवं निकोबार आइलैंड पर रहने वाले जारवा जनजाति के बारे में बताने जा रहे हैं। ये जनजाति अब तक के सबसे प्राचीन माने जाते हैं जो पिछले पचपन हजार सालों से आइलैंड पर रह रहे हैं. अब ये विलुप्त होने के कगार पर पहुंच गए हैं। इन्हें वैसे तो अफ्रीका महाद्वीप का नेटिव बताया जाता है लेकिन काफी लंबे समय से ये भारतीय महासागर के टापू में रह रहे हैं, हालांकि जारवा जनजाति भले ही काफी प्राचीन जनजाति है लेकिन अब ये विलुप्त होने की कगार पर पहुंच गया है। अब इस जनजाति के सिर्फ 380 लोग ही बचे हैं। ये आज भी पाषाण युग में जी रहे हैं। जारवा जनजाति मुख्य रुप से शिकार के जरिये अपना पेट भरते हैं। धनुष बाण के जरिये ये मछली और केंकड़े मनरते हैं. या फिर सूअर का झुंड में शिकार कर अपना पेट भरते हैं।
जारवा जनजाति में काला बच्चा पैदा करना काफी जरुरी है। इसके लिए गर्भवती महिला को जानवर का खून पिलाया जाता है. माना जाता है कि अगर गर्भवती स्त्री जानवर का खून पीयेगी तो बच्चे का रंग काला ही होगा। अंधविश्वास का आलम ये है कि गोरा बच्चा पैदा होने के बाद खुद उसका पिता ही उसे मार डालत है। इसके अलावा जब कभी कोई महिला विधवा होती है, उसके बाद भी उसके बच्चे को मार दिया जाता है। आज भी अन्य लोगों से घुले नहीं है ऐसे में टूरिस्ट्स के ऊपर इनसे मिलने को लेकर बैन है। साथ ही इनकी तस्वीरें लेना, या वीडियो ऑनलाइन पोस्ट करना गैरकानूनी है।
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