नई दिल्ली। मंकीपॉक्स संक्रमण (monkeypox infection) की स्थिति इंग्लैंड में गंभीर होती जा रही है. इंग्लैंड की एजेंसी यूके हेल्थ सिक्योरिटी एजेंसी (UKHSA) ने कहा है कि अब मंकीपॉक्स का वायरस (virus) एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में ट्रांसफर होने लगा है.
हल्की वायरल वाली ये बुखार (fever) जो पश्चिम और सेंट्रल अफ्रीका से निकली मानी जाती है, इसके बारे में कहा जाता है कि ये बीमारी निकट संपर्क में आने से फैलती है. मई के शुरुआती दिनों तक ये केस अफ्रीका से बमुश्किल ही बाहर निकलते थे. UKHSA के अनुसार इंग्लैंड में मंकीपॉक्स के कम्युनिटी स्प्रेड (community spread) की स्थिति हो गई है.
एजेंसी ने कहा कि इस संक्रमण में पहली बार ऐसा हो रहा है बीमारी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को हो रही है, जबकि ऐसे व्यक्तियों का बीमारी से प्रभावित देशों में जाने का कोई इतिहास नहीं है.
समलैंगिकों, बायसेक्सुअल और होमोसेक्सुअल में फैल रहा है मंकीपॉक्स
मंकीपॉक्स को लेकर जो चौकाने वाली जानकारी आई है, उसके अनुसार इस बीमारी का प्रसार समलैंगिकों, बायसेक्सुअल और होमोसेक्सुअल के बीच तेजी से हो रहा है.
अगर इंग्लैंड की बात करें तो यहां 86 फीसदी मामले (153 में 132) लंदन में हैं, इनमें मात्र 2 महिलाएं हैं. मंकीपॉक्स के ज्यादा केस 20 से लेकर 49 साल के लोगों के बीच में फैल रहे हैं. स्वास्थ्य विशेषज्ञों के लिए जो चिंताजनक है वो ये है कि इस मंकीपॉक्स पॉजिटिव 111 व्यक्ति ऐसे हैं जो समलैंगिक, बायसेक्सुअल या होमोसेक्सुअल हैं.
ब्रिटेन में 6 से 30 मई के बीच मंकीपॉक्स के 190 केस कंफर्म हुए हैं. इनमें से 183 इंग्लैंड के हैं, 4 स्कॉटलैंड के और 2 उत्तरी आयरलैंड के हैं जबकि 1 मरीज वेल्स का है.
Gay बार और Saunas बने संक्रमण का केंद्र
अब तक की जांच में पता चला है कि मंकीपॉक्स संक्रमण के पीछे Gay बार, सौनाज (Saunas) और डेटिंग एप अहम रोल निभा रहे हैं. इस मामले में जांच जारी है लेकिन जांचकर्ता अभी तक किसी एक फैक्टर की ओर इशारा नहीं कर रहे हैं.
UKHSA का कहना है कि मंकीपॉक्स संक्रमण की वजह से इस खास ग्रुप में सामाजिक स्टिग्मा का सामना करना पड़ सकता है. इस बीमारी का संक्रमण रोकने के लिए UKHSA अब ब्रिटेन में सेक्सुअल हेल्थ से जुड़ी एजेंसियों के साथ काम कर रहा है. LGBT ग्रुप के साथ संपर्क किया जा रहा है और उन्हें कहा जा रहा है कि अगर उनके ग्रुप में किसी भी व्यक्ति में इस बीमारी का लक्षण दिखे तो तुरंत स्वास्थ्य एजेंसियों को सूचित किया जाए.
अफ्रीका के बाहर 30 देशों में फैला संक्रमण
बता दें कि मंकीपॉक्स से आमतौर पर फ्लू जैसे लक्षण दिखते हैं. इसकी वजह से स्किन पर मवाद से भरे घाव हो जाते हैं जो आमतौर पर हफ्तों के भीतर अपने आप ठीक हो जाते हैं, लेकिन कभी-कभी स्थिति बिगड़ने पर मरीज की मौत हो सकती है.
मंकीपॉक्स का संक्रमण अब अफ्रीका के बाहर भी हो रहा है. यूरोप के देश इससे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं. इस संक्रमण की वजह वैज्ञानिक पता करने की कोशिश कर रहे हैं. बुधवार को WHO ने बताया कि अफ्रीका से बाहर अबतक 30 देशों से मंकीपॉक्स के 550 मरीज सामने आ चुके हैं.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved