नई दिल्ली । दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) की उस याचिका (Plea) पर सुनवाई करेगा (To Hear), जिसमें दिल्ली के गिरफ्तार मंत्री (Delhi’s Arrested Minister) सत्येंद्र जैन (Satyendra Jain) से पूछताछ के दौरान (During the Interrogation) एक वकील की उपस्थिति (Lawyer Presence) की अनुमति देने वाले (Granting Permission) विशेष अदालत के आदेश (Special Court Order) को चुनौती दी गई है (Has been Challenged) । केंद्रीय जांच एजेंसी ने अपने वकील जोहेब हुसैन के माध्यम से कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष याचिका दायर की।
वकील ने सुनवाई के दौरान तर्क दिया, “वकील और अन्य की उपस्थिति जैसी कुछ शर्तें रखी गई हैं। इससे हमें दी गई हिरासत खराब हो जाएगी।” प्रस्तुत करने के बाद, उच्च न्यायालय ने मामले को 3 जून को सुनवाई के लिए निर्धारित किया। 31 मई को, सीबीआई की विशेष अदालत की न्यायाधीश गीतांजलि गोयल ने दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को 9 जून तक के लिए एजेंसी की हिरासत में भेज दिया, जिन्हें प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया।
अपने आदेश में, शर्तों में से एक जांच के दौरान एक वकील की उपस्थिति की अनुमति देना था। तथ्यों और परिस्थितियोंको ध्यान में रखते हुए, यह निर्देश दिया जाता है कि आरोपी से पूछताछ के दौरान आरोपी के एक वकील को एक सुरक्षित दूरी पर उपस्थित रहने की अनुमति दी जाए, जहां से वह आरोपी को देख सकता है, लेकिन उसे सुन नहीं सकता।
ईडी ने इस साल अप्रैल में जैन के रिश्तेदारों की 4.81 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की थी। ईडी के सूत्रों के मुताबिक, स्वाति जैन, सुशीला जैन और जैन के रिश्तेदार इंदु जैन के स्वामित्व वाली विभिन्न फर्मों की 4.81 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियां कुर्क की गईं। अकिंचन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, इंडो मेटल इंपेक्स प्राइवेट लिमिटेड, पर्यास इंफोसोल्यूशन्स प्राइवेट लिमिटेड, मंगलायतन प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड जेजे आइडियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड वे कंपनियां थीं जिनके खिलाफ कार्रवाई की गई थी।
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