– अग्निबाण एक्सक्लूसिव- निगम के बेलदार असलम और उनकी पत्नी की दस साल की पोल खुली…
– ईडी की जांच में हुआ खुलासा
– 12 संपत्तियों के अटैचमेंट को ईडी के दिल्ली न्यायाधिकरण से भी मंजूरी
– वेतन के साथ कमाई ट्यूशन फीस, ब्याज, किराए और खेती से बताई
इंदौर। नगर निगम के बेलदार (चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी) असलम खान (Municipal Corporation Beldar Aslam Khan) की मुश्किलें और बढऩे लगी हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) में दर्ज मनी लांड्रिंग केस (money laundering case) के तहत 12 संपत्तियों के अटैचमेंट को ईडी दिल्ली न्यायाधिकरण से भी मंजूरी मिल गई है। वहीं इस दौरान ईडी द्वारा की गई जांच में बड़े खुलासे हुए हैं, जिससे पता चला है कि असलम की वेतन से 20 साल में कमाई केवल 18 लाख बनती है, लेकिन उसकी संपत्तियों की कीमत डेढ़ करोड़ से ज्यादा है। असलम के बैंक खातों के साथ पत्नी रेहला खान के खातों में बीते 10 सालों के दौरान करीब एक करोड़ की राशि नकद में जमा की गई है।
असलम खान ने पत्नी रेहला के साथ ही भाई व अन्य रिश्तेदारों के नाम पर जमकर संपत्तियां खरीदीं, जो मुख्य तौर पर नकद में खरीदी गईं। कुछ ही राशि के चेक जारी हुए। असलम द्वारा महंगी कार भी खरीदी गई, जिसके लिए किस्तों में 14 लाख से ज्यादा राशि नकद में दी गई। घर में 34 लाख के गोल्ड बार, बिस्किट मिले, जिसकी खरीदी के और घर में नकद मिले 13 लाख रुपए का भी कोई जवाब खान दंपति नहीं दे पाए।
इन संपत्तियों के अटैचमेंट की ईडी से भी हो गई मंजूरी
11 गोल्ड बार और एक गोल्ड बिस्किट
नकद 12 लाख रुपए और कार
साउथ तुकोगंज की दुकान, सुतार गली का ऑफिस
स्कीम 136 में प्लॉट, देवास की खेती की जमीन
सूर्यांश साकेत में ऑफिस, ध्रुव कॉम्प्लेक्स में दुकान
सुखलिया नॉर्थ एवेन्यू में तीन प्लॉट।
ट्यूशन के साथ ही ब्याज की बताई कमाई
पूछताछ में असलम ने जांच एजेंसी को बताया कि वह वेतन के साथ ही खेती, ब्याज, किराए, ट्यूशन फीस से कमाई करता है। पत्नी हाउसवाइफ है, लेकिन उसकी कमाई असलम से ज्यादा बताई गई है और यह खेती, ब्याज, ट्यूशन फीस, किराएदारी से आती है।
जमीन माफियाओं के लिए काम करने के आरोप
जांच में कहा गया है कि असलम पर आरोप है कि उसने बड़े बिल्डरों, जमीन माफियाओं के नक्शे पास कराने के काम करवाए और इसी के जरिए जमकर भ्रष्टाचार की कमाई की।
भाई के नाम आईडीए से प्लॉट लिया और फिर गिफ्ट डीड कराई
जांच में सामने आया है कि असलम ने अपने भाई के नाम पर आईडीए से करीब साढ़े तीन लाख रुपए में अंडर वैल्यूएशन करके एक प्लॉट लिया और सात दिन बाद ही इसे असलम को गिफ्ट डीड कर दिया, जिससे साफ है कि यह राशि असलम की ही थी।
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