इंदौर। शहर में पुलिस कमिश्नरी (Police Commissionerate) लागू होने के बाद भी अपराध (Crime) पर नियंत्रण (Control) नहीं हो रहा है। इस साल के पांच माह में इंदौर ( Indore) में हत्या (Murders) , अपहरण, चोरी और बलात्कार के केस बढ़े हैं, जो पुलिस (Police) के लिए चुनौती है।
शहर में पुलिस कमिश्नरी (Police Commissionerate) लागू हुए लगभग छह माह हो गए हैं। इस दौरान अपराधों पर कुछ खास असर दिखाई नहीं दे रहा है। 2021 में शहर में पांच माह में 16 हत्याएं हुई थीं, जबकि इस बार 25 हत्याएं हो चुकी हैं। पिछले साल पांच माह में बलात्कार के 118 केस दर्ज हुए थे तो इस साल 135 केस दर्ज हुए हैं। पिछले साल अपहरण के 252 केस दर्ज हुए थे, जबकि इस साल 267 केस दर्ज हुए हैं। इसके अलावा चेन लूट की पिछले साल 8 घटनाएं हुई थीं तो इस साल 13 केस दर्ज हुए हैं। आधे मामलों में तो पुलिस ने चोरी के केस दर्ज कर लिए, इसलिए रिकार्ड कम है। चोरी की बात करें तो पिछले साल पांच माह में 187 चोरियां हुई थीं, जबकि इस साल 209 चोरियां हुई हैं। साधारण चोरी की बात करें तो पिछले साल 200 तो इस साल 243 केस दर्ज हुए हैं।
सात हत्याओं को एक ही माना
हत्या रिकार्ड (Murder Records) के हिसाब से यूं तो दोगुना से अधिक हुई हैं, लेकिन स्वर्णबाग में गाडिय़ां जलाने के चक्कर में सात लोगों की हुई हत्या के केस को पुलिस ने रिकार्ड में एक ही केस माना है, वरना यह आंकड़ा बढक़र 32 हो जाता, जो पिछले साल से लगभग तीन गुना है।
वाहन चोरी रुकी
धार (Dhar)-टांडा की गैंग और कंजर गिरोह पर पुलिस की लगातार कार्रवाई के चलते वाहन चोरी की घटनाएं रुकी हैं। पिछले साल पांच माह में शहर से 1216 गाडिय़ां चोरी हुई थीं। इस बार 1217 गाडिय़ां चोरी हुई हैं।
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