भोपाल। अलग-अलग स्थानों पर बनी चार मौसम प्रणालियों (weather systems) के असर से नमी आने का सिलसिला बना हुआ है। जिसके चलते पूर्वी क्षेत्र में कहीं-कहीं बारिश का सिलसिला बना हुआ है। वहीं वातावरण में नमी कम होने से प्रदेश के उत्तरी भाग में तापमान (temperature in the northern part) में बढ़ोतरी भी हो रही है। भोपाल और ग्वालियर में एक बार फिर से तपिश बढ़ गई है। इसके अलावा प्रदेश में मंगलवार को सबसे अधिक 45.5 डिग्री सेल्सियस तापमान नौगांव में दर्ज किया गया। यह देश भर में सबसे अधिक तापमान रहा। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार प्रदेश में मानसून के दस्तक के साथ ही गर्मी से राहत की उम्मीद है।
वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक पीके साहा ने जानकारी देते हुए बताया कि दक्षिण-पश्चिम मानसून को आगे बढऩे की परिस्थितियां अनुकूल बनी हुई हैं। मानसून गोवा के पास पहुंच चुका है। उधर अलग-अलग स्थानों पर बनी मौसम प्रणालियों से मिल रही नमी के कारण पूर्वी मप्र में कहीं-कहीं बारिश हो रही है। हालांकि ग्वालियर, चंबल, सागर संभागों के जिलों में तापमान में बढ़ोतरी भी हो रही है। मौसम विभाग के अनुसार वर्तमान में हरियाणा पर एक प्रेरित चक्रवात बना हुआ है। इस चक्रवात से लेकर दक्षिण उत्तर प्रदेश से होकर बांग्लादेश तक एक ट्रफ लाइन बनी हुई है। उत्तराखंड पर पश्चिमी विक्षोभ बना हुआ है। इसके अलावा एक पश्चिमी विक्षोभ ईरान और अफगानिस्तान के बीच सक्रिय है। ट्रफ लाइन के कारण आ रही नमी से मप्र में बादल छा रहे हैं। साथ ही कहीं-कहीं बौछारें पड़ रही हैं।
सामान्य से अधिक बारिश के आसार
15 जून के बाद मानसून मध्यप्रदेश में मानसून के आने की संभावना जताई है, 20 जून तक पूरे प्रदेश में बारिश का दौर शुरू हो जाएगा। मौसम विभाग के मुताबिक जून माह में पूरे मप्र में सामान्य से कम वर्षा होने की संभावना है। हालांकि जून से सितंबर तक भी राजधानी सहित मप्र में सामान्य से अधिक बारिश होने के आसार हैं। जून माह में मप्र में अधिकतम तापमान सामान्य से नीचे तथा न्यूनतम तापमान भी सामान्य से कम रहने की संभावना है।
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