भोपाल । सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के निर्देश के बाद मध्य प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की चुनाव की तैयारियां जोर-शोर से जारी हैं। इसके लिए मंगलवार को जिला पंचायत अध्यक्ष पद के आरक्षण (Reservation) की प्रक्रिया संपन्न की गई। भोपाल में इस बार सिर्फ महिला ही जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव लड़ सकेगी। इंदौर, ग्वालियर में सीट एससी महिला के लिए आरक्षित हुई है, जबकि 26 जिले अनारक्षित किए गए हैं। इनमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का गृह जिला सीहोर भी शामिल है।
मध्यप्रदेश में 52 जिला पंचायतों के लिए मंगलवार को आरक्षण की प्रक्रिया पूरी की गई। इसमें पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को बड़ा झटका लगा है। इस वर्ग को केवल सात फीसदी सीटों पर आरक्षण दिया गया है। वर्ष 2014-15 के चुनाव में ओबीसी के लिए जिला पंचायत अध्यक्ष पद की 13 सीटें आरक्षित थीं, लेकिन इस बार हुए आरक्षण में ये घटकर चार रह गईं। यानी नौ सीटों का सीधे-सीधे नुकसान हुआ है।
पंचायती राज संचालक आलोक कुमार सिंह ने बताया कि ओबीसी का आरक्षण सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों पर किया गया है। आदेश में कहा गया है कि एससी-एसटी और ओबीसी का आरक्षण 50 फीसदी से ज्यादा न हो। इस हिसाब से ओबीसी के लिए 4 सीटें आरक्षित की गईं।
यह रही आरक्षण की स्थिति
– अनुसूचित जाति- ग्वालियर (महिला), खंडवा, छिंदवाड़ा, इंदौर (महिला), सिवनी, कटनी, रतलाम (महिला) और देवास (महिला)।
– अनुसूचित जनजाति- मंडला, डिंडोरी, आलीराजपुर (महिला), बड़वानी, झाबुआ (महिला), श्योपुर (महिला), नर्मदापुरम (महिला), सतना, सिंगरौली (महिला), हरदा, जबलपुर, बुरहानपुर, रीवा (महिला) और नरसिंहपुर (महिला)।
– अन्य पिछड़ा वर्ग- गुना, शाजापुर, दमोह (महिला), मंदसौर (महिला)।
– अनारक्षित- अनूपपुर (महिला), विदिशा (महिला), शिवपुरी, अशोकनगर, राजगढ़, मुरैना (महिला), खरगोन, पन्ना (महिला), उमरिया (महिला), धार, बैतूल, भोपाल (महिला), भिंड (महिला), शहडोल (महिला), सीधी (महिला), सीहोर, बालाघाट, निवाड़ी (महिला), रायसेन, नीमच, सागर, आगर मालवा, उज्जैन (महिला), टीकमगढ़ (महिला), छतरपुर (महिला) और दतिया।
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