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उज्जैन। विनोद विमल मिल के मजदूरों के भुगतान की राशि शासन कोर्ट में जमा करा चुका है। इसके वितरण को लेकर 12 जून को हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है। इधर मजदूर संघ इंटक इसके पहले ही लोगों से 6 प्रतिशत सहयोग राशि लेकर आवेदन फार्म जमा करा रहा है, जबकि टेक्स टाईल मजदूर युनियन मजदूरों से अपील कर रही है कि भुगतान के आवेदन के साथ किसी भी प्रकार की राशि जमा कराना जरूरी नहीं।
उल्लेखनीय है कि 30 साल पहले शहर की कई मिलें बंद हो गई थी। इनमें इंदौर टेक्स टाईल, हीरा मिल, विनोद मिल, विमल मिल आदि शामिल थी। इंदौर टेक्स टाईल मिल के श्रमिक इतने भाग्यशाली नहीं रहे और उनका बकाया भुगतान की राशि डूब गई। इस मामले में विनोद विमल मिल के मजदूरों के भाग्य ने साथ दिया और लंबी लड़ाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश सरकार को मजदूरों के बकाया भुगतान के करीब 84 करोड़ रुपए का भुगतान करने के आदेश पिछले दिनों जारी किए थे। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद यह राशि शासन ने कोर्ट में जमा करा दी थी। इधर इस खबर के बाद से ही आगर रोड के श्रम शिविर भवन में स्थित मजदूर संघ इंटक कार्यालय के पदाधिकारियों द्वारा आवेदन के लिए मजदूरों से फार्म भराना शुरु कर दिए थे। इसके साथ ही प्रत्येक मजदूर से कुल बकाया भुगतान की 6 प्रतिशत राशि फार्म के साथ देने की बात अनिवार्य की गई है। पिछले एक महीने से सैकड़ों मिल मजदूर यहाँ आवेदन फार्म जमा करा रहे हैं और रूके हुए भुगतान को प्राप्त करने के लिए कई मजदूर तो 6 हजार से 24 हजार तक की राशि जमा करा चुके हैं। इधर टेक्स टाईल मजदूर युनियन के पदाधिकारियों का दावा है कि मिल मजदूरों का भुगतान कोर्ट के आदेश से सरकार करने जा रही है। इसके आवेदन में मजदूरों को किसी भी तरह की सहयोग राशि या चंदा देने की आवश्यकता नहीं।