img-fluid

रिटायर हो रहे सांसदों में कई दिग्गजों के नाम शामिल, जानें किन-किन सदस्यों की खत्म हो रही सदस्यता

May 30, 2022

नई दिल्ली। राज्यसभा चुनाव के लिए राजनीतिक दलों ने पूरी ताकत झोंक दी है। 15 राज्यों की 57 राज्यसभा सीटों के लिए 10 जून को चुनाव होने हैं। इनमें उत्तर प्रदेश की 11, महाराष्ट्र, तमिलनाडु की छह-छह, बिहार की पांच, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, राजस्थान की चार-चार, ओडिशा, मध्य प्रदेश की तीन-तीन, झारखंड, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, हरियाणा, पंजाब की दो-दो और उत्तराखंड की एक सीट शामिल है।

रिटायर हो रहे सांसदों में कई दिग्गजों के नाम शामिल हैं। आइए जानते हैं किन-किन दिग्गज सदस्यों की सदस्यता खत्म हो रही और उनमें से कितनों को दोबारा टिकट मिला है? इसके साथ ही जानिए राज्यसभा का चुनाव कैसे होता है और इसकी प्रक्रिया क्या है? अलग-अलग राज्यों के विधानसभा में भाजपा की स्थिति को देखा जाए तो 57 में से राज्यसभा की 20 सीटें भाजपा आसानी से जीत सकती है। इनमें सबसे ज्यादा उत्तरप्रदेश में सात, उत्तराखंड में एक, हरियाणा में एक, राजस्थान में एक, मध्य प्रदेश में दो, महाराष्ट्र में दो, कर्नाटक में दो, बिहार में तीन, झारखंड में एक सीट शामिल है।

मतलब विधानसभा सभा में संख्या बल को देखते हुए इन सीटों पर भाजपा की जीत पक्की है। इसके अलावा करीब 10 सीटें ऐसी हैं जहां भाजपा की जीत के आसार हैं। वहीं, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, छत्तीसगढ़, पंजाब, तमिलनाडु में भाजपा को एक भी सीट नहीं मिलेगी। भाजपा ने अपने पुराने सदस्यों में से अब तक केवल तीन को ही दोबारा मौका दिया है। इसमें केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, निर्मला सीतारमण और बिहार से सांसद सतीश चंद्र दुबे हैं। केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु, एमजे अकबर, शिव प्रताप शुक्ला जैसे नामों को अभी तक टिकट नहीं मिला है।


बताया जा रहा है कि जल्द ही भाजपा की दूसरी सूची भी जारी होगी। इसमें कुछ नाम शामिल होंगे। हालांकि, अगर मुख्तार अब्बास नकवी को प्रत्याशी नहीं बनाया गया तो उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ेगा। इसी तरह जेडीयू के कोटे से केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह की भी सदस्यता खत्म हो रही है। जेडीयू ने भी उन्हें दोबारा टिकट नहीं दिया है। ऐसे में उन्हें भी इस्तीफा देना पड़ सकता है। राज्यसभा में सदस्यों की कुल संख्या 250 होती है, लेकिन इनमें से 12 सदस्यों को राष्ट्रपति की तरफ से मनोनीत किया जाता है। बाकी 138 सदस्यों का चुनाव राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि करते हैं। इसके लिए अलग-अलग प्रदेशों में सीटों का बंटवारा होता है। किस राज्य को कितनी सीटें मिलेंगीं ये उस राज्य की जनसंख्या पर निर्भर करता है। जिस राज्य में जितनी ज्यादा जनसंख्या होगी, राज्य को उतनी ही ज्यादा सीटें मिलती हैं। सबसे बड़े राज्य यूपी को इसीलिए सबसे ज्यादा 31 राज्यसभा सीटें मिलती हैं।

राज्यसभा सदस्यों का चुनाव अलग-अलग प्रदेशों से चुने गए विधायक करते हैं। विधायक एक समय में एक ही उम्मीदवार को वोट कर सकता है। हालांकि कुछ स्थिति में ये वोट ट्रांसफर भी हो सकता है। मसलन जिस उम्मीदवार को वोट डाला गया है, अगर वो पहले ही जीत चुका है तो ऐसे में वोट ट्रांसफर हो सकता है। दूसरा यह भी की अगर किसी उम्मीदवार को इतने कम वोट मिले हैं कि उसके जीतने की उम्मीद ना हो, ऐसी स्थिति में विधायक उम्मीदवारों के नाम के आगे प्राथमिकता देते हैं। एक से लेकर चार तक प्राथमिकता नंबर लिख देते हैं। जिससे काउंटिंग के समय जोड़ लिया जाता है।

Share:

ED ने दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को किया गिरफ्तार

Mon May 30 , 2022
नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन का गिरफ्तार किया है. जानकारी के मुताबिक मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जैन की गिरफ्तारी की गई है. इससे पहले एजेंसी ने स्वास्थ्य मंत्री की 4 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति भी जब्त की थी. सत्येंद्र जैन पर जांच में सहयोग नहीं करने […]
सम्बंधित ख़बरें
खरी-खरी
सोमवार का राशिफल
मनोरंजन
अभी-अभी
Archives

©2024 Agnibaan , All Rights Reserved