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कविता की तरह शहर मुखिया का चयन भी चौंकाने वाला संभव

May 30, 2022

  • कौन बनेगा महापौर… नेताओं के अलावा उद्योगपति, डॉक्टर, वकील सहित अन्य वर्ग कतार में, भाजपा का टिकट जीत की गारंटी भी

इन्दौर। भाजपा और संघ मुख्यमंत्री से लेकर तमाम पदों पर चौंकाने वाले नाम तय करते रहे हैं। दूसरी तरफ कांग्रेस की स्थिति वही ढाक के तीन पात वाली है। उसकी राज्यसभा की घोषित सूची में अधिकांश दलाल, दरबारी टाइप के नाम शामिल हैं। दूसरी तरफ भाजपा ने इंदौर से कविता पाटीदार को राज्यसभा में भेजकर ओबीसी वर्ग को उपकृत किया तो अब शहर मुखिया के चयन पर सबकी निगाहें हैं। दरअसल भाजपा का टिकट एक तरह से जीत की भी गारंटी है, क्योंकि 20 साल से शहर सरकार पर अनवरत भाजपा का कब्जा है।

इस बार भी महापौर का चुनाव चूंकि जनता द्वारा ही किया जाना है और यह चुनाव एक तरह से सांसद के चुनाव से कम नहीं रहता, क्योंकि नगर निगम की सीमा भी बढ़ गई और 85 वार्ड उसमें समाहित हैं। कांग्रेस के पास तो बीते 30-32 सालों से जहां कोई सांसद का योग्य उम्मीदवार नहीं मिला तो यही स्थिति महापौर पद की रही है। लगातार चार चुनाव में भाजपा के ही महापौर शहर की जनता द्वारा चुने जाते रहे हैं। पंचायतों के साथ नगरीय निकायों के चुनाव का हल्ला शुरू हो गया है।


भाजपा के पास एक दर्जन से ज्यादा दावेदारों की फौज है, जिनमें विधायक रमेश मेंदोला से लेकर पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता के तो नाम शामिल हैं ही, वहीं मधु वर्मा से लेकर शहर भाजपा अध्यक्ष गौरव रणदिवे तो अतिरिक्त महाधिवक्ता पुष्यमित्र भार्गव, वरिष्ठ अभिभाषक मनोज द्विवेदी से लेकर कोविड और स्टार्टअप में बेहतर काम करने वाले डॉ. निशांत खरे का नाम भी चल रहा है। दूसरी तरफ गोलू शुक्ला से लेकर अन्य दावेदार भी दौड़ में हैं। मगर संभव है कि कविता पाटीदार की तरह ही भाजपा शहर मुखिया का चयन भी चौंकाने वाला करे और कोई अप्रत्याशित नाम तय हो जाए।

कांग्रेस के इकलौते उम्मीदवार संजय शुक्ला ने पकड़ा मैदान
कांग्रेस के पास तो विधायक संजय शुक्ला से बेहतर महापौर पद का कोई दूसरा उम्मीदवार है भी नहीं। यही कारण है कि अन्य दावेदारों ने अपने नाम भी दौड़ से बाहर कर लिए। बीते सालभर से संजय शुक्ला महापौर चुनाव की तैयारी में जुटे हैं। भोजन-भंडारे, कथा, धार्मिक यात्राओं से लेकर शहर से जुड़ी समस्याओं को लेकर भी वे सडक़ों पर प्रदर्शन करते नजर आते हैं और वे खुद भी महापौर का चुनाव पूरी ताकत से लडऩा और जीतना भी चाहते हैं।

महापौर आरक्षण का भ्रामक पत्र जारी करना पड़ा प्रेस नोट
कल निकायों के अध्यक्ष पदों का आरक्षण 3 बजे भोपाल में होना है, मगर इसको लेकर अपर आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास डॉ. सत्येंद्र सिंह ने जो एक पत्र जारी किया, उसमें महापौर और अध्यक्ष पदों के आरक्षण की कार्रवाई होना बताई, जिसको लेकर भ्रम भी उत्पन्न हुआ। हालांकि नगरीय प्रशासन के आयुक्त निकुंज श्रीवास्तव ने कल रात अग्निबाण से चर्चा में स्पष्ट कहा कि महापौर का नहीं, सिर्फ अध्यक्ष का ही आरक्षण होना है।

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