नई दिल्ली। पिछले कुछ महीनों से कोरोना वायरस (Corona virus) की रफ्तार थमी जरूर है लेकिन अब भी पूरी तरह से देश को महामारी से छुटकारा नहीं मिल पाया है. अब भी देश में हर दिन हजारों नए मामले (thousands of new cases every day) सामने आ रहे हैं. कोरोना संक्रमण (Corona Infection) से जहां अब लोगों को थोड़ी सी राहत मिली थी कि ओमिक्रॉन (Omicron) के सब वेरिएंट BA.4 और BA.5 (Sub variants BA.4 and BA.5) ने लोगों को नई चिंता में डाल दिया है. देश में कई जगहों पर BA.4 और BA.5 संक्रमण के मामलों की पुष्टि हो चुकी है, जिसके हेल्थ एक्सपर्ट भी ओमिक्रॉन के सब वेरिएंट पर लगातार नजर बनाए हैं।
सभी ने लगवाई थी कोविड वैक्सीनहिंदुस्तान टाइम्स ने ओमिक्रॉन के सब वेरिएंट पर अधिक जानकारी जानने के लिए पुणे में शोधकर्ताओं से इस पर बातचीत की क्योंकि पुणे में ही BA.4 और BA.5 के मामलों की सबसे पहले पुष्टि हुई थी. बैरामजी जीजीभॉय गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज में माइक्रोबायोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. राजेश कार्याकार्टे ने बताया कि ओमिक्रॉन का यह सब वेरिएंट प्रतिरक्षा को भी चकमा दे सकता है, क्योंकि जितने भी मामले सामने आए उनमें से सिर्फ एक बच्चे को छोड़कर सभी लोगों को कोविड टीके की दोनों डोज लग चुकी थी।
सब वेरिएंट से सावधान रहने की जरूरतहालांकि डॉ. कार्याकार्टे ने कहा कि सभी रोगियों की हालत स्थिर है और उन्हें घर में अलग रहने की सलाह दी गई है. उन्होंने कहा कि हमें बेहद सावधानी बरतने की जरूरत है और हम लगातार अस्पताल में भर्ती होने वालों पर कड़ी नजर रख रहे हैं।
बता दें कि पुणे स्थित बैरामजी जीजीभॉय गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज द्वारा ही राज्य में पहली बार ओमाइक्रोन के सबवेरिएंट की पुष्टि की गई थी और यही कॉलेज कप्पा और डेल्टा वेरिएंट के Sars-CoV-2 वायरस में उत्परिवर्तन खोजने में भी सहायक था।
सभी मरीजों में थे संक्रमण के हल्के लक्षण
डॉ. कार्याकार्टे ने कहा कि सभी सात रोगियों में एक बच्चे को छोड़कर वैक्सीन लगने के बावजूद वह संक्रमित हो गए इसका तात्पर्य यही निकलता है कि ओमिक्रॉन का सब वेरिएंट प्रतिरक्षा से अपना बचाव कर सकता है. उन्होंने बताया कि एक रोगी ने तो बूस्टर डोज भी लिया था फिर भी वह ओमिक्रॉन के सब वेरिएंट से संक्रमित हो गया. सभी लोगों को घर में आइसोलेट किया गया है. डॉ. के मुताबिक सभी लोगों में संक्रमण के हल्के लक्षण थे.
हेल्थ एक्सपर्ट ने कहा कि इन सब वेरिएंट को लेकर हुए अंतरराषट्रीय अध्ययन में पता चलता है कि BA.4 और BA.5 के नए वेरिएंट में BA.2 दोनों की विशेषताएं हैं और इसमें दूसरे वेरिएंट की तुलना में अधिक तेजी से संचरण की क्षमता है. यह फेफड़े को संक्रमित करने में सक्षम है।
डॉ. कार्याकार्टे के अनुसार अभी ओमिक्रॉन के सब वेरिएंट पर और अधिक रिसर्च और जानकारी जुटाने की जरूरत है ताकि यह पता लगाया जा सके कि यह वेरिएंट कॉमरेडिटी वाले लोगों और बुजुर्ग लोगों पर इस प्रकार के प्रभावित कर सकता है।
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