इंदौर। फलों का राजा आम सीजन शुरू होने के बाद भी आमजन की पहुंच से अभी थोड़ा दूर ही नजर आ रहा है। गर्मी में फलों की मांग बढ़ी है, जिससे कि आपूर्ति में फर्क पड़ा है और यही कारण है कि आम को पसंद करने वाले लोगों को आम अभी भी कुछ महंगा ही खरीदना पड़ रहा है।
आम के भावों में बढ़ोतरी बने रहने का कारण इस साल समय से पहले पड़ी तेज गर्मी और मौसम की मार बताई जा रही है। इस कारण आम की फसल को काफी नुकसान हुआ है, वहीं पिछले साल आम की पैदावर बंपर हुई थी, जिसके कारण भी इस साल आम की फसल कमजोर है। शुरुआती दामों में बढ़त के बाद पिछले एक हफ्ते में आम के दामों में मामूली गिरावट दर्ज हुई है, लेकिन वो गिरावट केवल 30 फीसदी की ही है। शहर में पिछले दिनों की तुलना में अब अच्छा बादाम आम आ रहा है, जो शहर में 70 से 90 रुपए किलो बिक रहा है।
उत्तरप्रदेश से आवक होने की उम्मीद
इंदौर फ्रूट मर्चेंट एसोसिएशन के स्थायी सचिव नरेश फुंदवानी ने बताया कि अब इंदौर के थोक व्यापारियों को उत्तरप्रदेश से लंगड़ा, चौसा और दशहरी आम की आवक होने की उम्मीद है, जिसके बाद शहर के लोगों को आम की क्वालिटी के साथ ही वैरायटी भी मिलेगी और दाम भी कुछ कम होंगे। गुजरात से आने वाली आम की किस्में भी इस साल कम ही है, क्योंकि वहां भी मौसम की मार का काफी असर रहा है। अब रत्नागिरी और बेंगलुरु से भी हापुस की आवक हो रही है।
केसर, पायरी और सिंदूरी की भी आवक
आम की आवक की बात करें, तो अब बाजार में बादाम के अलावा केसर, सिंदूरी, पायरी, हापुस भी नजर आने लगा है। खेरची व्यापारी केसरीलाल के मुताबिक, बाजार में बादाम 70 से 90 रुपए किलो, केसर 160 रुपए किलो, सिंदूरी 80 से 100 रुपए किलो, पायरी 120 रुपए किलो, रत्नागिरी के हापुस 400 और 600 रूपए दर्जन और बेंगलुरु का हापुस 150 रुपए किलो बिक रहा है।
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