नई दिल्ली। आम को फलों का राजा ऐसे ही नहीं कहा जाता, वर्तमान हालात को देखें तो आम आदमी के लिए यह फल अब खास बन गया है। गर्मी में लोग आम का लुत्फ उठाने का इंतजार करते हैं। ताजा हाल की बात करें तो आम के दाम इस तेजी से बढ़े हैं कि ये आम आदमी की पहुंच से दूर होता जा रहा है। इसके अलावा टमाटर भी सुर्ख लाल आंखें दिखा रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, जहां सब्जी मार्केट में टमाटर का दाम 120 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है, आम का दाम 100 रुपये के पार चला गया है।
गर्मी और लू का बुरा असर
गर्मी और लू के थपेड़ों ने सब्जियों में खासकर टमाटर और फलों के राजा आम की कीमतें इतनी बढ़ा दी हैं कि ये सब्जी और फल आम आदमी की पहुंच से दूर हो गए हैं। टमाटर की जरूरत हर घर के किचेन में होती है और आम तो फलों का राजा है, जिसे हर कोई पसंद करता है। इस साल महंगाई की मार झेल रहे आम आदमी को टमाटर की लाली और मीठे आम की खुशबू और स्वाद ने खुद से दूर रहने को मजबूर कर दिया है। रिपोर्ट में यह भी संभावना जताई गई है कि इस साल आम के दाम में कमी आने की संभावना नहीं है।
यूपी में 80% पैदावार प्रभावित
रिपोर्ट में बताया गया है गर्मी का आम के उत्पादन पर बुरा असर हुआ है। हालात ये हैं कि देश में आम के सबसे बड़े उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में 80 फीसदी पैदावार प्रभावित हुई है। संभावना जताई गई है कि इस साल आम का उत्पादन दो दशक में सबसे कम रहेगा। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश हर साल 4.5 करोड़ टन आम का उत्पादन करता है, लेकिन इस साल अब तक 80 फीसदी के करीब उत्पादन घट गया है। जिससे इसके दाम आसमान पर पहुंच चुके हैं। देश के कुल आम उत्पादन में उत्तर प्रदेश की 23.47 फीसदी हिस्सेदारी है।
फिलहाल राहत की उम्मीद नहीं
टमाटर के दाम पर महंगाई के बारे में बताते हुए वेजिटेबल ग्रोअर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के प्रेजिडेंट श्रीराम गढवे ने कहा कि टमाटर की कीमतों में हाल फिलहाल कमी आने की भी उम्मीद कम ही है। इसके दाम जुलाई में कम होने की संभापना बन रही है, जब नई फसल आएगी। उन्होंने कहा कि मौसम के कारण फसल बर्बाद हुई है और सप्लाई पर असर पड़ा है। इसके चलते देश में टमाटर की कीमत चिंता का सबब बन गई है।
सप्लाई बाधित होना भी कारण
टमाटर एक आम सब्जी है जो कि हर रोज आम आदमी की रसोई में इस्तेमाल होती है। इसके दाम में बेतहाशा वृद्धि केंद्र सरकार के लिए भी परेशानी की वजह है, जो कि लगातार बढ़ती खाद्य महंगाई को काबू में करने के लिए प्रयास कर रही है। यहां बता दें कि अप्रैल में खाद्य पदार्थों की महंगाई दर 17 महीने के उच्च स्तर पर पहुंचते हुए 8.83 फीसदी हो गई है। ऐसे में कहना गलत न होगा कि टमाटर के लाल रंग से आम जनता ही नहीं, बल्कि सरकार के लिए भी समस्या खड़ी कर दी है।
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