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    सूरमा के बतोले

  • May 28, 2022

    राजकुमार केसवानी का नाम जहन में आते ही जैसे वो खुद आपके सामने आकर खड़े हो जाते हैं। आपसे भोपाली लहजे में आपस की बात के जरिए आपकी खेरोआफियत लेते हुए वे उनके शैदाइयों के दिलों में हमेशा जिंदा रहेंगे। गुजिश्ता 22 मई को उनकी पहली बरसी गुजरी। सहाफी तो भोत होते हैं साब बाकी केसवानी जैसा कोई नहीं हुआ। किरदार से फक्कड़ और मिजाज से अख्खड़ राजकुमार हिंदी सहाफत के लिए इतना कर गए हैं कि पत्रकारों की सात पीढिय़ां उनके काम और किताबों से फैज उठाती रहेंगी। फिल्म, आर्ट और कल्चर का उनसे बड़ा जानकार दूसरा न होगा। इस कदर का रिफरेंस था उनके कने कि फिल्मी दुनिया की तारीख का इतना बड़ा जखीरा किसी फिल्मकार के पास भी न होगा। भास्कर में हर इतवार को उनकी आपस की बात को पढऩे के लिए ही पढऩे वाले रसरंग के पन्ने पलटते थे। उनके जाने के बाद तो रसरंग ही बदरंग हो गया है। आपस की बात के लेखों का पेला पार्ट बांबे टॉकीज के उन्वान से शाया हो चुका है। इसकी दूसरी किस्त आपस की बात के नाम से मंजुल प्रकाशन शाया करने वाला ही। राजकुमार साब के फरजंद रौनक केसवानी के मुताबिक इस किताब के कवर की लांचिंग इंदौर में गीतकार इरशाद कामिल ने की थी। इंशा अल्लाह जून या जुलाई में ये किताब छप जायेगी। इस बीच राजकुमार केसवानी की याद को परमानेंट करने के लिए उनके नाम से शिवाजी नगर में उनके घर के पास वाली सड़क का नाम उनके नाम से करने की मांग भी उठाई जा रही है। जर्नलिस्ट यूनियन ऑफ मध्य प्रदेश के नवीन आनंद जोशी और भोपाल जर्नलिस्ट प्रेस क्लब के चेयरमैन जितेंद्र शर्मा ने ये मांग उठाई है। अच्छी बात है साब, आपस की बात करने वाले को इतनी तरजीह तो देनी चाहिए।

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    गुजरात के खाते में जा सकता है मप्र के हिस्से का पानी

    Sat May 28 , 2022
    बरगी व्यपवर्तन योजना. स्लीमनाबाद में टनल और नहर निर्माण में लेटलतीफी से बन रही स्थिति भोपाल। बरगी दांयी तट व्यपवर्तन योजना के तहत टनल निर्माण में हो रही लेटलतीफी के कारण विंध्य और नर्मदा के मिलन में संशय है। यहां के हिस्से का पानी 15 साल से कटनी के स्लीमनाबाद टनल में अटका हुआ है। […]
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