नई दिल्ली । सोमवार 30 मई को वट सावित्री का व्रत (Vat Savitri Vrat ) पर इस बार काफी अच्छा संयोग बन रहा है। इस दिन शनि जयंती के साथ सुबह 7:12 मिनट से सर्वार्थ सिद्धि योग शुरू होकर 31 मई सुबह 5:08 मिनट तक रहेगा। ज्योतिषविदों की राय में इस खास योग में पूजा करने से फल कई गुना अधिक बढ़ जाएगा।
हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास (Jyeshtha month) की अमावस्या तिथि के दिन वट सावित्री का व्रत रखा जाता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं (married women) पति की लंबी आयु और अच्छे स्वास्थ के लिए व्रत रखती हैं। वट वृक्ष की विधि-विधान से पूजा(worship), परिक्रमा करके पति के जीवन में आने वाली समस्याओं को दूर करने की प्रार्थना की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार वट वृक्ष यानी बरगद के पेड़ के नीचे बैठकर पूजा करने और रक्षा सूत्र बांधने से पति की आयु लंबी होता है और हर मनोकामना पूर्ण होती है। क्योंकि इस वृक्ष में ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों देवता वास करते हैं। इसलिए वृक्ष की पूजा करने से सुख-समृद्धि(happiness and prosperity) और स्वास्थ्य अच्छा रहता है।
पूजा- विधि
इस पावन दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं।
घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
इस पावन दिन वट वृक्ष की पूजा का विशेष महत्व होता है।
वट वृक्ष के नीचे सावित्रि और सत्यवान की मूर्ति को रखें।
इसके बाद मूर्ति और वृक्ष पर जल अर्पित करें।
इसके बाद सभी पूजन सामग्री अर्पित करें।
लाल कलावा को वृक्ष में सात बार परिक्रमा करते हुए बांध दें।
इस दिन व्रत कथा भी सुनें।
इस दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें।
नोट- उपरोक्त दी गई जानकारी व सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं हम इसकी सत्यता की जांच का दावा नही करते हैं.
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