नई दिल्ली। शरीर के संपूर्ण फिटनेस को बनाए रखने के लिए सभी लोगों को शारीरिक और मानसिक दोनों तरह की सेहत पर विशेष ध्यान देते रहने की आवश्यकता होती है। सामान्यतौर पर हम सभी शारीरिक समस्याओं से बचाव के लिए तो उपाय करते रहते हैं, पर मानसिक स्वास्थ्य को जाने-अनजाने अनदेखा कर दिया जाता है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य एक दूसरे के पूरक हैं, ऐसे में एक को होने वाली समस्या का असर दूसरे के स्वास्थ्य पर पड़ सकता है। यही कारण है कि सभी लोगों को मानसिक स्वास्थ्य को लेकर भी विशेष सावधानी बरतते रहने की सलाह दी जाती है।
विशेषज्ञ बताते हैं हमारे खान-पान और दिनचर्या की आदतों का मानसिक स्वास्थ्य पर सीधा असर होता है। हम जाने-अनजाने रोजाना कई ऐसे काम करते रहते हैं जिनसे मानसिक स्वास्थ्य पर असर हो सकता है। कई आदतें आपको कम उम्र में ही तनाव-चिंता और डिप्रेशन जैसी मानसिक स्वास्थ्य की समस्याओं का शिकार बना सकती है। ऐसी आदतों को लेकर सभी लोगों को सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है। आइए आगे इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
मानसिक स्वास्थ्य को लेकर रहें अलर्ट : स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, खराब मानसिक स्वास्थ्य ऐसी आदतों और व्यवहार को प्रदर्शित करता है, जिनसे हमारे सोचने और चीजों को महसूस करने के तरीके पर नकारात्मक असर हो सकता है। मानसिक स्वास्थ्य के शिकार लोगों को चिड़चिड़ेपन, उदासी, सुस्ती और व्यवहार में नकारात्मक बदलाव का अनुभव होता रह सकता है। यह स्थितियां रक्तचाप को बढ़ाने और हृदय रोग की समस्याओं के चलते हमारे शारीरिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर देती हैं।
व्यायाम की कमी : शरीर को स्वस्थ और फिट बनाए रखने के लिए नियमित रूप से व्यायाम करने की आदत बनाना काफी मददगार हो सकता है। व्यायाम की कमी न सिर्फ कई तरह की बीमारियों को बढ़ावा दे सकती है, साथ ही इसका मानसिक स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक असर होता है। वर्कआउट करने से शरीर में एंडोर्फिन हार्मोन रिलीज होता है जो अवसाद, चिंता और तनाव की अनुभूति को कम करने में सहायक है।
ज्यादा तनाव लेने की आदत : तनाव जीवन का एक सामान्य हिस्सा है, लेकिन अधिक तनाव लेने की आदत आपके मस्तिष्क के सामान्य कार्यों को नुकसान पहुंचा सकती है। जब आप तनाव में होते हैं, तो मस्तिष्क कोर्टिसोल हार्मोन रिलीज करता है, इसकी अधिकता मस्तिष्क के सामान्य कामकाज को प्रभावित कर देती है। कोर्टिसोल हार्मोन की अधिकता, तनाव-अवसाद जैसी समस्याओं को बढ़ावा देती है, इससे बचाव किया जाना चाहिए।
नींद पूरी न हो पाना : जिन लोगों की नींद पूरी नहीं होती है, उनमें थकान और कमजोरी के साथ मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित कई तरह की समस्याओं का खतरा हो सकता है। नींद की कमी के कारण ब्रेन सेल्स के बीच कम्युनिकेशन की समस्या हो सकती है, जिसके कारण मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ता है। इस तरह की समस्याओं से बचे रहने के लिए सभी लोगों को रोजाना छह से आठ घंटे की नींद लेने की सलाह दी जाती है।
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