लखनऊ। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के प्रमुख ओम प्रकाश राजभर एक बार फिर बदले-बदले नजर आ रहे हैं। समाजवादी पार्टी गठबंधन के सहयोगी राजभर की अखिलेश यादव को लेकर तल्खी बढ़ती जा रही है। तीन दिन में राजभर के तीन ऐसे बयान सामने आ चुके हैं, जिससे एक बार फिर उनके पाला बदलने की अटकलें लगने लगी हैं। सवाल उठने लगा है कि क्या वह आजम और शिवपाल के संभावित मोर्चे का हिस्सा बनने जा रहे हैं?
अखिलेश पर फोड़ा हार का ठीकरा
ओम प्रकाश राजभर ने मंगलवार को विधानसभा चुनाव में हार के लिए अखिलेश यादव पर ठीकरा फोड़ डाला। 2022 के विधानसभा चुनाव में छह विधायकों की पार्टी बनने से उत्साहित राजभर ने कहा है कि सपा गढ़ में ही कमजोर प्रदर्शन रहा। विधानसभा के बाहर पत्रकारों से बातचीत में ओपी राजभर ने बाहर निकलने की सलाह को दोहराते हुए कहा कि सपा के लोग ही उन्हें अखिलेश को ऐसा कहने के लिए कहते हैं, क्योंकि वह हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। राजभर ने कहा, ”हम तो उनके (सपा) साथ 4 महीने पहले आए और उनके साथ मिलकर अपने इलाकों में ताकत दिखाई। लेकिन उनके इलाकों में ही हम पिट गए तो क्या कर सकते हैं?”
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विधानसभा चुनाव के बाद पहली बार यूं बदले राजभर के सुर
विधानसभा चुनाव के बाद पहली बार ओम प्रकाश राजभर ने यूं खुलकर अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी के खिलाफ बयान दिए हैं। इससे पहले वह कहते आ रहे थे कि भविष्य में भी सपा गठबंधन के साथ बने रहेंगे। वह शिवपाल यादव और आजम खान को मनाने की बात भी करते रहे। लेकिन अब खुद उनका रुख बदलता दिख रहा है।
बीजेपी नेताओं से की थी मुलाकात?
हाल ही में ओपी राजभर को लेकर उस समय भी अटकलें लगने लगी थीं, जब वह लखनऊ गेस्ट हाउस में बीजेपी के दो मंत्रियों से मिले थे। राजभर ने अपने दोनों बेटों के साथ बीजेपी नेताओं से दो घंटे से अधिक समय तक बातचीत की थी। हालांकि, बाद में उन्होंने यह कहते हुए अटकलों को खारिज करने की कोशिश की थी कि क्षेत्र के विकास को लेकर उन्होंने परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह से मुलाकात की है।
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