टोक्योः जापान में क्वाड शिखर सम्मेलन के लिए जमा हुए भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के राष्ट्रप्रमुखों ने मंगलवार को क्वाड फैलोशिप लॉन्च की. ये फैलोशिप साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथ्स के क्षेत्र में चारों देशों के उच्च शोधार्थियों को एक मंच पर लाने का काम करेगी. इसके अलावा, क्वाड ने मैरीटाइम सिक्योरिटी पार्टनरशिप प्रोग्राम भी लॉन्च किया है. इसका मकसद इंडो पैसिफिक में चीन की गैरकानूनी फिशिंग और समुद्र में की जाने वाली सामरिक गतिविधियों पर प्रभावी रोक लगाना है. इसके साथ कई अन्य योजनाओं की भी शुरुआत की जाएगी.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, क्वाड समिट के इतर वाइट हाउस ने अपने मीडिया स्टेटमेंट में कहा कि इंडो पैसिफिक पार्टनरशिप फॉर मैरीटाइम डोमेन अवेयरनेस (IPMDA) के बारे में जानकारी दी. बताया कि हिंद प्रशांत इलाके के कई देशों की अर्थव्यवस्था के लिए मछली पालन उद्योग बहुत महत्वपूर्ण है. क्वाड देशों की तरफ से समुद्री सुरक्षा के लिए शुरू किए जा रहे IPMDA कार्यक्रम की बदौलत मछली उद्योग की सुरक्षा सुनिश्चित हो सकेगी. इसके अलावा डार्क शिपिंग करने वालों और सामरिक गतिविधियों को अंजाम देने वालों को ट्रैक किया जा सकेगा. इससे समुद्र में ऐसे अभियानों का जवाब देने की सहयोगी देशों की क्षमता में सुधार होगा. मौसमी और मानवीय घटनाओं के दौरान तुरंत सहायता पहुंचाई जा सकेगी.
बता दें कि डार्क शिपिंग उन जहाजों को कहते हैं, जिनमें ऑटोमैटिक आइडेंटिफिकेशन सिस्टम लगा होता है, जो अपने आप ही ट्रांसपोंडर को बंद कर देता है, जिससे उनका पता लगाना बेहद मुश्किल हो जाता है. IPMDA से ऐसे जहाजों पर भी समग्रता से रीयल टाइम नजर रखी जा सकेगी. यही नहीं, सहयोगी देश इससे प्रशांत क्षेत्रों के द्वीपों, दक्षिण एशियाई व हिंद महासागर के अपने इलाकों को पूरी तरह मॉनिटर कर पाएंगे. इससे मुक्त और स्वतंत्र इंडो पैसिफिक सुनिश्चित हो सकेगा.
कोरोना महामारी से निपटने और वैश्विक स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत बनाने के लिए भी क्वाड ने अपनी प्रतिबद्धता दिखाई. वाइट हाउस ने बताया कि भारत में बायलॉजिकल ई कंपनी को वैक्सीन निर्माण के लिए क्वाड की मदद मिलती रहेगी. जापान के JBIC और EXIM बैंकों ने भारत में हेल्थकेयर सेक्टर को मजबूत बनाने के लिए 100 मिलियन डॉलर की सुविधा देने का फैसला किया. क्वाड देशों ने क्लाइमेट संकट से निपटने, क्रिटिकल और एमर्जिंग तकनीक के क्षेत्र में इनोवेशन और साइबर खतरों के मद्देनजर सहयोग बढ़ाने की भी प्रतिबद्धता दर्शायी.
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