बैतूल। अगर सब कुछ तय मुताबिक हुआ तो निश्चित रूप से 31 मई को देश भर में ट्रेनों के पहिए थम जाएंगे। 31 मई को देश के सभी स्टेशनों पर पदस्थ स्टेशन मास्टरों (station masters) ने सामूहिक अवकाश (mass holiday) पर जाने का निर्णय ले लिया है। अगर ऐसा हुआ तो निश्चित रूप से ट्रेनों का संचालन नहीं हो सकेगा।
यह है स्टेशन मास्टरों की मांग
स्टेशन मास्टरों की मांग है कि उनके संवर्ग में खाली पदों को जल्द भरा जाएं। हजारों पद खाली होने से स्टेशन मास्टरों को अभी 8 घंटे की जगह 12 घंटे नौकरी पर रहना पड़ता है। देश के करीब 35 हजार स्टेशन मास्टरों ने रेलवे की उदासीनता के चलते रेलवे बोर्ड को एक नोटिस दिया है। जिसमें उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर हमारी मांगें नहीं मानी गई तो 31 मई को हम सामूहिक अवकाश पर चले जाएंगे।
क्या हैं स्टेशन मास्टरों की मांगें
ऑल इंडिया स्टेशन मास्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष धनंजय चंद्रात्रे के अनुसार स्टेशन मास्टरों की मांगों को लेकर हमारे द्वारा रेलवे बोर्ड के सीईओ को एक सूची भेजी गई है। सूची में मांग की गई है कि रेलवे के खाली पदों को जल्द भरा जाएं। रेल कर्मचारियों को रात्रि ड्यूटी भत्ता दिया जाएं। एमएसीपी का लाभ 16 फरवरी 2018 के बजाय 01 जनवरी 2016 से प्रदान किया जाएं। स्टेशन मास्टरों को सुरक्षा और तनाव भत्ता दिया जाएं। रेलवे का निजीकरण को रोका जाएं। साथ ही नई पेंशन स्कीम को बंद करके पुरानी पेंशन स्कीम को शुरू किया जाएं।
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