वाराणसी: वाराणसी में स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद विवाद पर काशी विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत डॉ. कुलपति तिवारी ने शनिवार को बड़ा ऐलान किया है. पूर्व महंत डॉ. कुलपति तिवारी ने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद प्रकरण में सर्वे के दौरान मिले शिवलिंग को लेकर कोर्ट में याचिका दाखिल करेंगे. उन्होंने कहा कि इस याचिका के जरिए शिवलिंग पर पूजन,आरती और भोग लगाने का अधिकार कोर्ट से मांगेंगे. यह याचिका भी वाराणसी के सिविल कोर्ट में सोमवार को डाला जाएगा.
कुलपति तिवारी का कहना है कि पीढ़ियों से उनके पूर्वजों को बाबा के पूजन, स्नान और भोग का अधिकार प्राप्त है. यह अधिकार पहले ज्ञानवापी परिसर में निभाई जाती थी, जहां बाबा विश्वेश्वर नाथ का पूजन उनके पूर्वज किया करते थे. अब सर्वे के बाद एक बार फिर से बाबा विशेश्वर ने दर्शन दिया है. ऐसे में शास्त्रों के अनुसार शिवलिंग बिना अभिषेक और भोग के रखना उचित नहीं है. इन्हीं बातों को ध्यान में रख कर सोमवार 23 तारीख को ज्ञानवापी में मिले शिवलिंग पर पूजन का अधिकार महंत परिवार पाने के लिए याचिका डालेगा.
बता दें कि ज्ञानवापी मस्जिद मामले की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है. सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने तीन सुझाव देते हुए कहा कि हम निचली अदालत से कहें कि मुस्लिम पक्ष के आवेदन पर जल्द सुनवाई कर निपटारा करे. वहीं, जब तक ट्रायल कोर्ट इस आवेदन पर फैसला लेता है, तब तक हमारा अंतरिम आदेश प्रभावी रहेगा. इसके साथ कहा कि हम निचली अदालत को किसी खास तरीके से कुछ करने के लिए नहीं कह सकते, क्योंकि वे अपने काम में माहिर हैं. वहीं, मस्जिद कमेटी ने कहा कि अब तक जो भी आदेश ट्रायल कोर्ट द्वारा दिए गए हैं वो माहौल खराब कर सकते हैं. इस पर जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि इस मामले में दोनों पक्षों के अधिकारों को सीमित करेंगे. आप केस के मेरिट पर बात करें.
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