भोपाल। प्रदेश में पंचायत चुनाव पहले कराए जाने की तैयारी है। इसके लिए सभी तैयारियां हो चुकी हैं। 26 मई को आरक्षण की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। सरकार ने भी राज्य निर्वाचन आयोग से आग्रह किया है कि मानसून को देखते हुए पहले पंचायत चुनाव करा लिए जाएं। दरअसल, बारिश के दौरान कई गांवों के रास्ते बंद हो जाते हैं। ऐसे में मतदान प्रभावित हो सकता है। अब राज्य निर्वाचन आयोग सभी पहलुओं पर विचार करके निर्णय लेगा। जून के प्रथम सप्ताह में चुनाव की अधिसूचना जारी की जाएगी। राज्य निर्वाचन आयुक्त बसंत प्रताप सिंह से नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने मुलाकात की। इसके बाद उन्होंने मीडिया से चर्चा में कहा कि दोनों चुनाव एक साथ नहीं हो सकते हैं। सरकार ने आयोग से आग्रह किया है कि बारिश के पहले पंचायत के चुनाव हो जाएं। 23 हजार पंचायतें हैं। बारिश में मतदान दल को पहुंचने और मतदाताओं को परेशानी हो सकती है। इसे देखते हुए निर्णय लिया जाए। अंतिम निर्णय आयोग का होगा। पंचायत चुनाव के ठीक बाद नगरीय निकाय के चुनाव घोषित कर दिए जाएं।
पंचायत चुनाव में गुलाबी, नीले, पीले और सफेद रंग के होंगे मतपत्र
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव मतपत्र से कराए जाएंगे। इसके लिए गुलाबी, नीला, पीला और सफेद रंग के मतपत्र रहेंगे। इसकी तैयारी के लिए राज्य निर्वाचन आयुक्त बसंत प्रताप सिंह ने शुक्रवार को राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी को कागज की व्यवस्था करके समय पर आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। राज्य निर्वाचन आयोग के कार्यालय में हुई बैठक में बताया गया कि इस बार जिला और जनपद पंचायत के सदस्य का चुनाव भी मतपत्र से कराया जाएगा। एक मतदाता पंच, सरपंच, जनपद और जिला पंचायत के सदस्य के लिए मतदान करेगा। इसमें किसी प्रकार की गफलत न हो, इसके लिए अलग-अलग रंग के मतपत्र रखे जाएंगे। राज्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि विभिन्न् रंग के कागज की पर्याप्त व्यवस्था कर ली जाए। इसके साथ ही नगरीय निकाय चुनाव में इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन मतपत्र मुद्रण के साथ 35 प्रकार के प्रारूप प्रपत्र और आठ प्रकार के लिफाफों के मुद्रण की व्यवस्था करें। विभागीय अधिकारियों ने आश्वस्त किया कि समय पर सभी काम पूरे कर लिए जाएंगे। इस दौरान आयोग के सचिव राकेश सिंह, नियंत्रण शासकीय मुद्रणालय श्रीमन शुक्ला सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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