नई दिल्ली: केंद्रीय कैबिनेट (central cabinet) ने पेट्रोल में एथेनॉल के 20 फीसदी मिलावट के लक्ष्य को पूर्व निर्धारित डेडलाइन से 5 साल पहले यानी 2025-26 तक पूरा करने को हरी झंडी दिखा दी है. पहले इसके लिए 2030 का लक्ष्य रखा गया था. फिलहाल पेट्रोल में करीब 10 फीसदी एथेनॉल मिलाया जाता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक (cabinet meeting) में जैव-ईंधन (बायोफ्यूल) पर नेशनल पॉलिसी (national policy) में संशोधन को मंजूरी दी गई. इसके तहत एथेनॉल का प्रोडक्शन बढ़ेगा. साथ ही, प्रोडक्शन बढ़ाने के लिए कई और फसलों के इस्तेमाल की भी मंजूरी दी गई है.
आपको बता दें कि पेट्रोलियम और नेचुरल गैस मिनिस्ट्री ने 2009 में नेशनल बायोफ्यूल पॉलिसी लागू किया था. बाद में इस मिनिस्ट्री ने 4 जून 2018 को उसके स्थान पर बायोफ्यूल पर नेशनल पॉलिसी-2018 को नोटिफाई किया था. मोदी सरकार (Modi government) ने अगले 2 वर्षों में पेट्रोल में 20% एथेनॉल मिलाने (ब्लेंडिंग) का लक्ष्य रखा है. इससे महंगे तेल इम्पोर्ट मामले में बहुत हद तक राहत मिलेगी.
बायोफ्यूल पॉलिसी (biofuel policy) के लिए स्वीकृत मुख्य संशोधनों में विशेष मामलों में बायोफ्यूल के एक्सपोर्ट की अनुमति देना शामिल है. साथ ही, कैबिनेट ने ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम के तहत देश में बायोफ्यूल प्रोडक्शन को बढ़ावा देने की भी मंजूरी दी है. स्पेशल इकोनॉमिक जोन (SEZ) या एक्सपोर्ट करने वाली इकाइयों की ओर से इसे प्रोत्साहन दिया जाएगा.
आत्मनिर्भर भारत को मिलेगा बढ़ावा
आपको बता दें कि भारत अभी अपनी कच्चे तेल संबंधी 85 फीसदी जरूरत के लिए इम्पोर्ट पर निर्भर है. ऐसी स्थिति में बायोफ्यूल पॉलिसी काफी मददगार होगी, जिससे एम्पोर्ट पर देश की निर्भरता को कम होगी. सरकार की ओर से कहा गया है कि चूंकि बायोफ्यूल प्रोडक्शन के लिए कई और प्रोडक्ट की अनुमति दी जा रही है, इससे आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा मिलेगा. इससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भारत को 2047 तक एनर्जी मामले में आत्मनिर्भर बनाने के सपने को पूरा करने में मदद मिलेगी.
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