भोपाल। बड़े तालाब की हद के पचास मीटर दायरे में किसी भी प्रकार का निर्माण नहीं किया जा सकता है, लेकिन इसकी अनदेखी कर लोगों ने न केवल सरकारी जमीन पर कब्जा कर लिया बल्कि टीएंडसीपी ने परमिशन भी जारी कर दी। मामले की शिकायत के बाद अब इस निर्माण को झील संरक्षण ने भी अवैध माना है। जिसके बाद इसे हटाने की कार्रवाई के लिए सिटी प्लानर को पत्र भी लिखा गया है। इस संबंध में सिटी इंजीनियर संतोष गुप्ता ने पत्र लिखकर कार्रवाई करने को कहा है।
जानकारी के मुताबिक बड़े तालाब की सेहत देखने के लिए शहर सरोकार रखनेवाले लोगों ने जब इसकी परिक्रमा की तो यह सौदग्ध निर्माण दिखा जबकि कलेक्टर गाइड लाइन में तालाब की हद के 50 मीटर के दायरे में में में कोई निर्माण नहीं हो सकता है। इसके बाद आम आदमी पार्टी के जिला उपाध्यक्ष प्रदीप खंडेलवाल ने इस निर्माण का नक्शा निकलवाया तो वैरागढ़कला में टीएनसीपी में भी एफटीएल को दिखाया गया था। लेकिन तालाब की हद को इस सरकारी जमीन पर फार्म हाउस बनाने की कोशिश थी। हालात यह है कि एफटीएल के सटे हिस्से में तालाब के नक्शे को आगे बढ़ाकर गलत तरीके से अनुमति जारी की गई है।
भोजवेट लैंड में बनना था पक्षी विहार
भोजवेट लैंड परियोजना में तीन हजार हेक्टेयर की भूमि अधिग्रहित को गई थी जो कि तालाब के आसपास की है। इस हिस्से में 250 से अधिक प्रजाति के पक्षियों के लिए पेड़ लगाने से लेकर अन्य इको सिस्टम संबंधी कार्रवाई होना थी। इसमें से अधिकांश भूमि सरकारी थी कुछ निजी जमीन भी इसकी जद में आई तो मुआवजा देकर भूमि अधिग्रहित कर ली गई। जिस पांच हेक्टेयर के हिस्से में यह निर्माण हो रहा था यह वही हिस्सा है लिहाजा अब इस मामले में कार्रवाई होना तय है।
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