उज्जैन। जिले में 12 से 14 साल तक की उम्र के बच्चों का वैक्सीनेशन पिछले एक पखवाड़े से अटका हुआ है। स्कूलों में अवकाश के कारण यह स्थिति बनी है। इधर शहर में 5 सेंटरों पर नि:शुल्क बूस्टर डोज लगाए जा रहे हैं। बावजूद इसके यह डोज लगाने में कम लोग रूचि
ले रहे हैं। जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. के.सी. परमार ने बताया कि 12 से 14 वर्ष तक की आयु के बच्चों के टीकाकरण के लिए उज्जैन शहर में स्कूलों में ही 20 सेंटर बनाए गए थे। इसे मिलाकर पूरे जिले में इस तरह की 169 सेंटर शुरु किए गए थे। शुरुआत में इस आयु वर्ग के बच्चों में उत्साह से टीके लगवाए थे जिसके चलते पिछले महीने 23 अप्रैल तक 44 हजार 671 बच्चों ने वैक्सीन का पहला डोज लगवा लिया था लेकिन इसके बाद परीक्षाएँ होने तथा फिर 1 मई से स्कूलों में अवकाश घोषित होने के कारण यह अभियान थम सा गया।
उन्होंने बताया कि इस आयु वर्ग के 78 हजार 260 बच्चों को वैक्सीन के डोज जिले में लगाने का लक्ष्य था लेकिन अभी तक यह 60 प्रतिशत के आसपास ही पहुँच पाया है। इधर बूस्टर डोज के लिए भी शहर में 5 सेंटरों पर टीकाकरण की व्यवस्था की गई है। जिन लोगों ने वैक्सीन के दोनों डोज लगवा लिए हैं तथा इसके बाद उन्हें 9 माह से अधिक का समय हो गया हो तो ऐसे लोगों को बूस्टर डोज लगाए जा रहे हैं। बूस्टर डोज के लिए माधवनगर सरकारी अस्पताल, जिला अस्पताल परिसर स्थित कैंसर यूनिट, फ्रीगंज स्थित अंबेडकर भवन, चामुण्डा चौराहा स्थित महादजी सिंधिया पब्लिक स्कूल सेंटरों पर अभी भी डोज लगाए जा रहे हैं।
आने वाले लहरों हो सकेगा बचाव
जिला कोरोना नियंत्रण नोडल अधिकारी डॉ. एच.पी. सोनानिया ने बताया कि कोरोना की चौथी लहर का असर जिले में भले ही कम नजर आ रहा हो लेकिन यह भी हकीकत है कि कोरोना के मरीज अभी भी मिल रहे हैं। दो दिन पहले ही बाहर से आई शहर की एक महिला कोरोना पॉजीटिव आ चुकी है। इसके पहले भी दो मामले आए थे। हालांकि वह दोनों मरीज उपचार के बाद ठीक हो गए। तीसरे मरीज के रूप में जो महिला पॉजीटिव आई है उसे भी वैक्सीन के दोनों डोज लग चुके हैं लेकिन बूस्टर डोज नहीं लगा। उन्होंने कहा कि कोरोना की चौथी लहर हो या फिर आने वाले और नए वेरिएंट सभी से बचने के लिए वैक्सीन के दोनों डोज तथा समयावधि पूरी होने पर बूस्टर डोज लगाना अनिवाय है।
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