जयपुर । कांग्रेस (Congress) के उदयपुर (Udaypur) में तीन दिवसीय चिंतन शिविर के बाद (After 3-days Chintan Shivir) पार्टी नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने सोमवार को राजस्थान (Rajasthan) के आदिवासी बहुल (Tribal Dominated) बांसवाड़ा जिले (Banswada District) के बेणेश्वर धाम (Beneshwar Dham) में पूजा-अर्चना की (Worshiped) । उन्होंने पहले बेणेश्वर धाम में पूजा-अर्चना की और फिर बेणेश्वर धाम उच्च स्तरीय पुल की आधारशिला रखी। उन्होंने एक सभा को भी संबोधित किया जहां उन्होंने बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर लोगों को बधाई दी।
सूत्रों ने कहा है कि चिंतन शिविर के बाद राहुल गांधी की यात्रा एक मजबूत राजनीतिक संदेश देती है और कांग्रेस की चिंताओं को भी उजागर करती है, क्योंकि गुजरात में आप ने भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) के साथ गठबंधन किया है। आदिवासी कांग्रेस का पारंपरिक वोट बैंक रहा है, हालांकि राजस्थान में बीजेपी के बाद स्थानीय पार्टियों ने भी इसमें सेंध लगाई है।
बांसवाड़ा-डूंगरपुर, प्रतापगढ़ और उदयपुर की आदिवासी बहुल सीटों पर बीटीपी के उदय के बाद 2018 राजस्थान विधानसभा और 2019 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को भारी नुकसान हुआ। 2018 के चुनाव में बीटीपी ने दो सीटों पर जीत हासिल की थी।
कांग्रेस नेताओं का कहना है कि गुजरात में बीटीपी-आप गठबंधन से पार्टी को बड़ा नुकसान हो सकता है और इसलिए राहुल गांधी का दौरा हो रहा है। राहुल गांधी ने 2018 राजस्थान विधानसभा और 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले बांसवाड़ा में बैठकें कीं थी। सचिन पायलट जब राजस्थान के पीसीसी प्रमुख थे, तब बांसवाड़ा, डूंगरपुर और बेणेश्वर में राहुल गांधी की रैलियां हुईं थीं।
जनजातीय क्षेत्र में अपनी पहचान बनाने की दृष्टि से बेणेश्वर धाम में यह सभा महत्वपूर्ण मानी जाती है। लोकसभा चुनाव के दौरान अप्रैल 2019 में बेणेश्वर में सभा हुई, लेकिन कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली। आदिवासी बहुल इस जिले में सोनिया गांधी भी सभाएं कर चुकी हैं।
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