बैतूल। जिले के रानीपुर ग्राम (Ranipur Village) में रविवार को प्रदेश के पहले पुलिस म्यूजियम (Police Museum) का शुभारंभ हुआ। इस म्यूजियम में पुलिस विभाग के गौरवशाली अतीत और ऐतिहासिक सामग्री (Police Museum) के साथ ही जिले की आदिवासी संस्कृति (tribal culture) की झलक भी देखी जा सकेगी। स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का सम्मान करने के बाद फीता काटकर इस म्यूजियम का शुभारंभ किया गया।
रविवार को बैतूल के 200 वर्ष पूर्ण होने पर रानीपुर थाने के पुराने भवन में बने म्यूजियम का शुभारंभ हुआ। सांसद डीडी उईके, कलेक्टर अमनबीर सिंह बैंस और एसपी सिमाला प्रसाद द्वारा महेंद्रवाड़ी, ओझाढाना, धाडगांव से आए स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजनों का शाल व श्रीफल भेंटकर सम्मान किया गया। इसके साथ ही विधिवत रूप से म्यूजियम का शुभारंभ किया गया।
इस मौके पर सांसद ने कहा कि बैतूल जिले की लिए यह गौरव की बात है कि रानीपुर थाना में इस क्षेत्र के आदिवासियों द्वारा की गई घटनाएं एवं ऐतिहासिक घटनाएं जुड़ी हुई है। बैतूल जिले के रानीपुर पुलिस थाने के पुरानी भवन को प्रदेश का पहला पुलिस म्यूजियम बनाया गया है। जिसमें आजादी की लड़ाई एवं पुलिस से संबंधित ऐतिहासिक चीजें रखी गई है।
गौरतलब है कि इस म्यूजियम में अंग्रेजों के जमाने आजादी के लिए किए गए संघर्ष की यादें जुड़ी हुई हैं। साथ ही कई ऐतिहासिक बातें जुड़ी हुई है। रानीपुर थाने का पुराना भवन 1913 में बनाया गया है। वर्ष 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान आदिवासी भाइयों ने थाने का घेराव किया था। पुराने भवन में लगे लकड़ी के खंभे पर आज भी घेराव के दौरान चलाई गई कुल्हाड़ी के निशान हैं। इसलिए इस थाने का चयन म्यूजियम के लिए किया गया है।
पुलिस म्यूजियम में डीजी से लेकर आरक्षक तक वर्दी पहने स्टेच्यू रखे गए हैं। इसके अलावा पुलिस विभाग में बजाए जाने वाले वाद्य यंत्र, उपयोग किए जाने वाले हथियार, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के चित्र और उनका परिचय सहित हथियार, बर्तन, टेलीफोन, टाईपराईटर, लालटेन, महात्मा गांधी के बैतूल आगमन से संबंधित चित्र, अंग्रेजों के समय की एफआईआर, पुलिस के महत्वपूर्ण दस्तावेज सहित स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े तथ्य और पुलिस विभाग से जुड़े तथ्य रखे गए हैं। साथ ही पुलिस विभाग में शहीद हुए पुलिस अधिकारियों-कर्मचारियों के परिचय सहित चित्र भी म्यूजियम में रखे गए हैं।
कैसा है रानीपुर पुलिस म्यूजियम ?
टीआई नन्हेवीर सिंह ने बताया कि पुराने थाना भवन में कुल 7 कमरे हैं। इन कमरों में अलग-अलग ऐतिहासिक सामग्री रखी गई हैं। बाहर के दो कमरों में पुलिस मेमोरियल के लिए हैं। अंदर के कमरों में बैतूल की आदिवासी कल्चर, पुलिस की पुरानी वर्दी, पुलिस की ऐतिहासिक सामग्री, अंग्रेजों के जमाने के पुलिस वाहन व पुराने फर्नीचर की प्रदर्शनी बनाई गई है। साथ ही गोंडवाना शासन के समय की भी जानकारी भी उपलब्ध है।
म्यूजियम को भव्य रूप देने के लिए थाने के पीछे गार्डन को आधुनिक रूप दिया गया है। बाहर से आए हुए आगंतुकों के लिए चाय-पानी के लिए कैंटीन की व्यवस्था भी पुलिस महकमा द्वारा की गई है। पुलिस विभाग के इस कार्य के लिए आदिवासी क्षेत्रों में इस कार्य को लेकर प्रशंसा पुलिस विभाग की की जा रही है।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से जिला पंचायत सीईओ अभिलाष मिश्र, एएसपी नीरज सोनी, घोड़ाडोंगरी भाजपा मंडल अध्यक्ष राजेश महतो, विशाल बत्रा, कमलेश सिंह, विजय लाल धुर्वे, उजल मावासे, रानीपुर मंडलम अध्यक्ष शिवनाथ यादव, वीरेंद्र बिलगैया, निलेश बारसे, कुंवरलाल जावलकर सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण व थाना स्टाफ मौजूद था।