उज्जैन। यातायात पुलिस भले ही नियमों का पालन कराने के लिए लोगों को जागरूक करने का काम करते हो, लेकिन तीन बत्ती, चामुण्डा चौराहा, कोयला फाटक चौराहा जैसी प्रमुख जगहों पर भी यहाँ लगे यातायात सिग्रल का टाईमर कहीं 15 सेकंड तो कहीं 300 सेकंड तक का है। इससे वाहन चालकों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। चौराहों की व्यस्तता को नजर अंदाज कर सिग्रलों की टाईमिंग सेट की गई है। तीन बत्ती चौराहा, कोयला फाटक चौराहा, चामुण्डा चौराहा, भरतपुरी हो या फिर नानाखेड़ा चौराहा ही क्यों न हो, यहाँ यातायात सिग्रलों का समय इतना कम है कि चार-पांच वाहनों के पीछे खड़े वाहन चालकों को आगे निकलने का मौका ही नहीं मिलता है, क्योंकि चंद सेकेंड में ही हरी से लाल लाईट हो जाती है। हालांकि यह बात अलग है कि कतिपय वाहन चालक नियमों की परवाह न करते हुए लाल लाईट में ही अपना वाहन आगे निकाल लेते है और ऐसी स्थिति में सामने से आने वाले वाहन चालक से टकरा जाते हैं तथा कई बार विवाद की स्थिति भी निर्मित होती है।
विभिन्न सामाजिक संस्थाओं ने कई बार यातायात पुलिस विभाग से यातायात सिग्रलों का समय बढ़ाने के लिए मांग भी की है, फिर भी इस तरफ ध्यान नहीं दिया जाता है। ऐसा नहीं है कि चौराहों पर जवान खड़े नहीं रहते हो, बावजूद इसके उनका ध्यान नियमों को तोडऩे वालों की तरफ नहीं रहता है। नानाखेड़ा चौराहे पर तो यातायात पुलिस के जवान ही नहीं होते है और ऐसी स्थिति में कतिपय वाहन चालक अपनी मनमर्जी करने से गुरेज नहीं करते है। नियमों का पालन करने वाले वाहन चालकों का कहना है कि वे नियमों का पालन करना चाहते है, लेकिन कतिपय वाहन चालक न हरी लाईट देखते है और न लाल लाईट, कुल मिलाकर ऐसे वाहन चालकों को तो अपना वाहन फर्राटे से आगे निकालने की जल्दी रहती है। नियमों की अव्हेलना करने वाले वाहन चालक कई बार दुर्घटनाग्रस्त हो जाते है, फिर भी नियमों को ओर अधिक सख्त करने की दिशा में ध्यान नहीं दिया जा रहा है। वाहन चालकों की यदि माने तो सिग्रलों का समय पुराना है और अब वाहन चालकों की संख्या बढ़ गई है, इसलिए यह जरूरी है कि सिग्रलों का समय नए सिरे से सेट किया जाए।
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