नई दिल्ली। पैंक्रियाज (pancreas) पेट में स्थित एक अंग है. पैंक्रियाज आपके पेट के पीछे और छोटी आंत के पास एक लंबी ग्लैंड है. पैंक्रियाज के दो मुख्य काम हैं- एक एक्सोक्राइन फंक्शन(exocrine function) जो पाचन में मदद करता है और दूसरा एंडोक्राइन जो ब्लड शुगर लेवल (blood sugar level) को नियंत्रित करता है.
क्या होता है पैंक्रियाटाइटिस
पैंक्रियाटाइटिस (pancreatitis) एक ऐसी बीमारी(disease) है जिसमें आपके पैंक्रियाज में सूजन आने लगती है. पैंक्रियाटाइटिस दो तरह का होता है- एक्यूट और क्रॉनिक. एक्यूट पैंक्रियाटाइटिस में आपके पैंक्रियाज में अचानक से सूजन आ जाती है, जिसे इलाज के जरिए ठीक किया जा सकता है. लेकिन क्रॉनिक पैंक्रियाटाइटिस तब होता है जब कोई व्यक्ति लंबे समय से अत्यधिक मात्रा में शराब का सेवन कर रहा होता है. क्रॉनिक पैंक्रियाटाइटिस के संकेत कई वर्षों तक नजर नहीं आते, लेकिन फिर अचानक से गंभीर लक्षण (severe symptoms) दिखने लगते हैं.
किस तरह काम करता है पैंक्रियाज
पैंक्रियाज का महत्वपूर्ण काम डाइडेस्टिव एंजाइम्स (Digestive enzymes) का उत्पादन करना है, जो शरीर में फैट और प्रोटीन को तोड़ते हैं. पैंक्रियाज में किसी भी तरह की दिक्कत आने पर यह इंसुलिन और ब्लड शुगर लेवल के उत्पादन को प्रभावित करता है. साथ ही जब पैंक्रियाज सही से काम नहीं करता तो और भी कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. आज हम आपको कुछ ऐसे लक्षणों के बारे में बताने जा रहे हैं जिससे आपको पता चल सकता है कि आपके पैंक्रियाज सही से काम नहीं कर रहा है. आइए जानते हैं उन लक्षणों के बारे में –
बैक पैन-
अगर आपको पीठ में दर्द की समस्या रहती है तो यह पैंक्रियाटिक कैंसर या पैंक्रियाटाइटिस का संकेत हो सकता है. समय के साथ यह दर्द काफी ज्यादा बढ़ने लगता है.
बुखार-
अगर आपका बॉडी टेम्प्रेचर बिना किसी बात के हाई रहता है तो यह पैंक्रियाटाइटिस का संकेत हो सकता है. ऐसा तब होता है जब पैंक्रियाज में मौजूद एंजाइम्स पैंक्रियाज के टिशूज में छिप जाते हैं. इससे जलन, सूजन और रक्त वाहिकाओं (Blood vessels) में जमाव हो सकता है.
मतली और उल्टी-
अगर आपको उल्टी या मतली की समस्या का सामना करना पड़ता है तो यह पैंक्रियाज कैंसर या पैंक्रियाटाइटिस में होने वाली किसी समस्या का लक्षण हो सकता है.
हाई ब्लड प्रेशर-
हाई ब्लड प्रेशर भी पैंक्रियाटाइटिस का संकेत हो सकता है, जो आमतौर पर अत्यधिक शराब के सेवन, ट्रॉमा और पित्त पथरी के कारण होता है जो पैंक्रियाज की नलियों को ब्लॉक करने का काम करता है.
ठंडी और नम त्वचा-
चिपचिपी त्वचा और शरीर का कम तापमान गंभीर पैंक्रियाटाइटिस के संकेत हो सकते हैं, यह तब होता है जब इंफेक्शन, ब्लीडिंग और अंगों में मवाद बनने लगता है.
पीलिया-
पीलिया होने पर आंखों और त्वचा का पीला पड़ना, डार्क कलर का यूरिन और हल्के रंग का या चिकना मल की समस्या का सामना करना पड़ता है. ऐसे में पीलिया भी पैनक्रियाज कैंसर का लक्षण हो सकता है.
मल में परिवर्तन-
पैंक्रियाटिक कैंसर होने पर व्यक्ति के मल का रंग पीला या मिट्टी के रंग का हो सकता है, साथ ही इसमें बेहद अजीब गंध भी आ सकती है.
स्किन पर खुजली होना-
पेट में दर्द और पीलिया के अलावा स्किन में खुजली लगना भी पैंक्रियाटिक कैंसर का लक्षण हो सकता है.
भूख की कमी और वजन घटना-
पेट मे दर्द के अलावा भूख कम लगना और वजन का अचानक से कम होना पैनक्रियाटिक कैंसर का सबसे पहला लक्षण है. इसके अलावा वजन का बढ़ना और कम होना डायबिटीज का संकेत भी हो सकता है.
नोट- उपरोक्त दी गई जानकारी व सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के लिए हैं हम इसकी जांच का दावा नही करते हैं. कोई भी सवाल या परेशानी हो तो विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें.
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