नई दिल्ली। नवग्रह के स्वामी सूर्यदेव के राशि परिवर्तन के साथ ही अब ग्रह नक्षत्रों का गोचर होगा। ग्रह-नक्षत्रों के गोचर का प्रभाव सभी 12 राशियों पर पड़ता है। मई का महीना ग्रहों के परिवर्तन के लिहाज से खास है। 12 मई को सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। इसमें 15 दिन रहने के बाद मृगशिरा नक्षत्र में प्रवेश कर जाएंगे। रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश के पहले 9 दिन भीषण गर्मी पड़ सकती है। इसलिए इन नौ दिनों को नौतपा कहा जाता है। यह 25 मई से 3 मई तक रहेंगे।
9 नक्षत्रों में 9 दिनों तक नौतपा- नौतपा को ज्येष्ठ मास के ग्रीष्म ऋतु के तपन की अधिकता का प्रतीक माना जाता है। शुक्ल पक्ष में आर्द्रा नक्षत्र से लेकर 9 नक्षत्रों में नौ दिनों तक नौतपा रहते हैं। ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष, शुक्रवार के दिन ही हस्त नक्षत्र से शुरू हो रहा है।
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, ये जरूरी नहीं होता कि नौतपा में ज्यादा गर्मी पड़े। आर्द्रा के 10 नक्षत्रों तक जिस नक्षत्र में सबसे अधिक गर्मी पड़ती है, आगे चलकर उसी नक्षत्र में 15 दिनों तक सूर्य रहते हैं और अच्छी बारिश होती है। ग्रह-नक्षत्रों में परिवर्तन से देश के पूर्वी, पश्चिमी और दक्षिणी भाग में मौसम में सबसे ज्यादा बदलाव देखने को मिल सकते हैं।
रोहिणी नक्षत्र में 14 दिनों का परिभम्रण काल- ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, सूर्य का रोहिणी नक्षत्र में 14 दिनों का परिभ्रमण काल आगामी वर्षा ऋतु के चक्र को स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जानकारों के अनुसार, इस साल वर्षा ऋतु में उत्तम वृष्टि के संकेत हैं। इस साल 80 फीसदी से ज्यादा बारिश होने की संभावना है। 15 दिनों के बाद सूर्य 8 जून को रोहिणी नक्षत्र से मृगशिरा नक्षत्र में प्रवेश करेगा। इस नक्षत्र परिवर्तन से अच्छी बारिश होने के संकेत मिल रहे हैं।
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