गुना। गुना के समीप आरोन स्थित शहरोक के जंगल में शिकारियों की मौजूदगी की सूचना मिलने पर उन्हें घेरने पहुंचे पुलिस दल पर शिकारियों ने ताबड़तोड़ गोलियां चलाकर तीन पुलिस वालों को मौत के घाट उतार दिया। शिकारियों की गोली लगने से एसआई, प्रधान आरक्षक व आरक्षक की दर्दनाक मौत हो गई, वहीं वाहन लेकर पहुंचे ड्राइवर की हालत गंभीर है। मुकाबले के लिए पुलिस ने भी अनेक राउंड फायरिंग की, जिससे एक शिकारी की मौत हो गई। मौके से पांच काले हिरण के शव व एक मोर का शव पुलिस ने बरामद किया है।
मिली जानकारी के अनुसार आरोन थाना पुलिस को सूचना मिली कि शहरोक गांव की पुलिया से आगे के जंगल में शिकारियों द्वारा काले हिरण और मोर का शिकार किया जा रहा है। इसके बाद थाने से एसआई राजकुमार जाटव, प्रधान आरक्षक नीरज भार्गव और आरक्षक संतराम मीणा सहित सात लोग दो चार पहिया वाहनों में सवार होकर व एक बाइक भी जंगल की ओर रवाना हुई। इस दौरान पुलिस ने चार मोटरसाइकिल से आए दो-तीन शिकारियों को दबोच लिया, लेकिन तभी पीछे से आए शिकारियों के साथियों ने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी, जिसमें 3 पुलिसकर्मियों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि अन्य भाग निकले। मुठभेड़ में पुलिसकर्मी राजकुमार जाटव, नीरज भार्गव और संतराम की मौत हुई।
शिवराज ने बुलाई आपात बैठक
पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने उच्चस्तरीय बैठक बुलाई, जिसमें गृहमंत्री, सीएस, एडीजी सहित पुलिस के बड़े अफसर शामिल हुए।
शहीद के परिजन को एक-एक करोड़
मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने पुलिस जवानों की शहादत पर दु:ख व्यक्त करते हुए परिजन को एक-एक करोड़ की सहायता देने का ऐलान किया है।
पांच काले हिरणों के कटे सिर मिले, एक मोर का शव भी बरामद
घटना के बाद बड़ी तादाद में पहुंचे पुलिसकर्मियों ने तत्काल घायल पुलिसकर्मी को अस्पताल पहुंचाया, वहीं मृत पुलिसकर्मियों के शव पोस्टमार्टम के लिए भेजे गए। जंगल में मौके से पांच हिरणों के सिर और दो के धड़ मिले हैं। अन्य हिरणों के धड़ों की खोज की जा रही है। मुठभेड़ के पहले शिकारी उनका शिकार कर चुके थे और पुलिस के आने के बाद इन्हें यही छोडक़र भाग निकले।
पुलिसकर्मियों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा : गृहमंत्री
मध्यप्रदेश के गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि गुना में अपराधियों की गोलीबारी में पुलिस के तीन जांबाज अफसर और कर्मचारियों ने बलिदान दिया है। अपराधियों को किसी भी कीमत पर छोड़ा नहीं जाएगा। उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह स्वयं इसकी मॉनीटरिंग कर रहे हैं।
आईजी को हटाया
घटना के बाद मुख्यमंत्री ने सख्त रवैया अपनाते हुए ग्वालियर के आईजी को हटा दिया।
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