उज्जैन। नगरीय निकाय चुनाव में उज्जैन नगर निगम सहित जिले के कुल 8 नगरीय निकायों में चुनाव होने हैं। इन चुनावों में साढ़े 6 लाख
से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। मंगलवार को आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले और कल चुनाव आयोग की बड़ी बैठक के बाद अब यह साफ हो गया है कि नगरीय निकायों का चुनाव जून माह के अंतिम सप्ताह में संपन्न हो जाएगा क्योंकि आज चुनाव आयोग ने जो घोषणा की उसके अनुसार 30 जून तक चुनाव के परिणाम भी आ जाएंगे। इधर स्थानीय निर्वाचन आयोग की निकाय चुनाव को लेकर तैयारी पूरी है। अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन भी आयोग कर चुका है। इस सूची के अनुसार उज्जैन सहित आठ निकायों में 662518 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। इनमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 332295 एवं महिला मतदाताओं की संख्या 330181 है। इन दोनों के वोटों का अंतर अब मात्र 2174 वोट रह गया है। अंतिम सूची के प्रकाशन के अनुसार ग्रामीण क्षेत्र के नगरीय निकायों में सबसे अधिक वोट नागदा में 77225 मतदाता तथा सबसे कम माकड़ोन में 9552 मतदाता है वही थर्ड जेंडर मतदाताओं की संख्या कुल 68 जिले में है।
महापौर के चुनाव सीधे होंगे या पार्षद चुनेंगे
नगरी निकाय चुनाव की घोषणा होने के बाद सबसे बड़ा पेंच यह भी फंसा हुआ है कि महापौर के चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से सीधे जनता करेगी या पार्षद इस मामले में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार ने तो पार्षदों के द्वारा महापौर को चुनने के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया था जिसे शिवराज की भाजपा सरकार बदलना चाहती थी। लेकिन इसको लेकर अभी तक कोई अधिसूचना जारी नहीं हुई है। यदि महापौर के चुनाव सीधे जनता के द्वारा कराए जाना है तो प्रदेश सरकार को ताबड़तोड़ चुनाव की अधिसूचना होने के पहले महापौर चुनाव प्रणाली की अधिसूचना जारी करनी होगी, नहीं तो जिन्हें भी महापौर बनना है, उन्हें वार्ड का चुनाव जीतना होगा, उसके बाद पार्षद चुनेंगे तो ही वे महापौर बन पाएंगे।
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