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    नगरीय निकाय चुनाव में जिले के साढ़े 6 लाख मतदाता करेंगे मतदान

    May 12, 2022

    • सबसे अधिक मतदाता नागदा तथा सबसे कम मतदाता माकड़ोन में-पुरुष और महिला मतदाताओं में 2174 का अंतर

    उज्जैन। नगरीय निकाय चुनाव में उज्जैन नगर निगम सहित जिले के कुल 8 नगरीय निकायों में चुनाव होने हैं। इन चुनावों में साढ़े 6 लाख
    से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। मंगलवार को आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले और कल चुनाव आयोग की बड़ी बैठक के बाद अब यह साफ हो गया है कि नगरीय निकायों का चुनाव जून माह के अंतिम सप्ताह में संपन्न हो जाएगा क्योंकि आज चुनाव आयोग ने जो घोषणा की उसके अनुसार 30 जून तक चुनाव के परिणाम भी आ जाएंगे। इधर स्थानीय निर्वाचन आयोग की निकाय चुनाव को लेकर तैयारी पूरी है। अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन भी आयोग कर चुका है। इस सूची के अनुसार उज्जैन सहित आठ निकायों में 662518 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। इनमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 332295 एवं महिला मतदाताओं की संख्या 330181 है। इन दोनों के वोटों का अंतर अब मात्र 2174 वोट रह गया है। अंतिम सूची के प्रकाशन के अनुसार ग्रामीण क्षेत्र के नगरीय निकायों में सबसे अधिक वोट नागदा में 77225 मतदाता तथा सबसे कम माकड़ोन में 9552 मतदाता है वही थर्ड जेंडर मतदाताओं की संख्या कुल 68 जिले में है।



    जिले में आज से और बढ़ जाएगा चुनावी उत्साह
    लगभग दो साल से टल रहे नगरी निकाय और पंचायत चुनाव अब जून माह में होंगे मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया है। इसके बाद मुख्यमंत्री ने रिव्यू पिटिशन की बात कही थी तो नेताओं और दावेदारों में इस पिटिशन को लेकर संशय की स्थिति थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कल प्रदेश चुनाव आयुक्त ने बड़ी बैठक लेकर सुप्रीम कोर्ट के चुनाव कराने के फैसले को सिद्ध करना शुरू कर दिया। अब मुश्किल ही है कि चुनाव टल जाए क्योंकि 24 मई को चुनाव की अधिसूचना जारी हो जाएगी और 30 जून तक चुनाव के परिणाम भी जारी करना है। ऐसे में अब चुनाव को लेकर आज से दावेदारों में उत्साह बढ़ जाएगा। हालांकि राजनीतिक पार्टी अभी भी पिछड़ा वर्ग की रोटियां सेकने में लगी हैं कि सुप्रीम कोर्ट उनके पक्ष में कुछ फैसला देगी लेकिन विधि विशेषज्ञों के अनुसार रिव्यू पिटिशन स्वीकार होने में संदेह है। इसलिए चुनाव सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार तय समय पर होंगे।

    महापौर के चुनाव सीधे होंगे या पार्षद चुनेंगे
    नगरी निकाय चुनाव की घोषणा होने के बाद सबसे बड़ा पेंच यह भी फंसा हुआ है कि महापौर के चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से सीधे जनता करेगी या पार्षद इस मामले में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार ने तो पार्षदों के द्वारा महापौर को चुनने के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया था जिसे शिवराज की भाजपा सरकार बदलना चाहती थी। लेकिन इसको लेकर अभी तक कोई अधिसूचना जारी नहीं हुई है। यदि महापौर के चुनाव सीधे जनता के द्वारा कराए जाना है तो प्रदेश सरकार को ताबड़तोड़ चुनाव की अधिसूचना होने के पहले महापौर चुनाव प्रणाली की अधिसूचना जारी करनी होगी, नहीं तो जिन्हें भी महापौर बनना है, उन्हें वार्ड का चुनाव जीतना होगा, उसके बाद पार्षद चुनेंगे तो ही वे महापौर बन पाएंगे।

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